नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत विदेश दौरे से लौटे सांसदों के डेलिगेशन (प्रतिनिधिमंडल) से मुलाकात की. इस बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और डीएमके सांसद कनिमोझी सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे. हालांकि, इस अहम बैठक में एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी मौजूद नहीं थे, जिनकी गैर-मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे.
मेडिकल इमरजेंसी बनी वजह
असदुद्दीन ओवैसी ने खुद अपनी गैर-मौजूदगी की वजह बताई है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा. ओवैसी ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी स्थिति के बारे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले डेलिगेशन के नेता और बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा को पहले ही सूचित कर दिया था.
समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) को फोन पर ओवैसी ने कहा, ‘मैं देश से बाहर हूं. मुझे एक मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा. मेरे रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की अचानक तबीयत खराब होने के कारण मुझे जाना पड़ा. मैंने इस बारे में अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को सूचित कर दिया था.’
पीएम मोदी ने सराहे प्रयास
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद पर भारत के रुख को मज़बूती से पेश करने के प्रयासों की सराहना की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न देशों का दौरा कर लौटे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की. इस मुलाकात में सांसदों, पूर्व सांसदों और प्रतिष्ठित राजनयिकों ने भाग लिया, जिन्होंने हाल ही में कई देशों का दौरा कर भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
यह मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई. इन सात प्रतिनिधिमंडलों में सभी दलों के सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल थे. इन सभी ने अपने-अपने दौरे के अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों में भारत के दृष्टिकोण और मूल्यों को मज़बूती से प्रस्तुत किया. प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने अपने विदेशी दौरों में आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख और वैश्विक शांति के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता को प्रमुखता से उजागर किया. उन्होंने यह भी बताया कि इन मुलाकातों के दौरान भारत की साख और विश्व में भारत का प्रभाव और मजबूत हुआ.
क्या था ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई का नाम है. इस कार्रवाई के बाद सरकार ने विभिन्न दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों के कुल 7 समूहों को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया था. इन समूहों ने 33 से अधिक देशों की राजधानियों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति को दुनिया के सामने रखा था.