भोपाल: मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भोपाल में ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट’ का आयोजन किया गया. इस समिट में सौर ऊर्जा क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये के संभावित निवेश की संभावना जताई गई है, जिससे मध्य प्रदेश की सौर ऊर्जा उत्पादन में भूमिका और मज़बूत होगी.
मुख्यमंत्री का संदेश: ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर
समिट में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 500 गीगावॉट तक सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को साकार करने में मध्य प्रदेश का अहम योगदान रहेगा. उन्होंने कहा कि राज्य ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी पूरी शक्ति से काम करेगा और इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम बहुत प्रभावी साबित होंगे.
सम्मान समारोह और तकनीकी सहयोग
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बर्नार्ड क्रूजबर, ग्लोबल एक्सपर्ट एवं जेआईजेड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, को तकनीकी सहयोग के लिए सम्मानित किया. उनके योगदान की सराहना की गई, क्योंकि उनकी विशेषज्ञता ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद की है.
सौर ऊर्जा में वृद्धि और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि निकट भविष्य में पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर 6-6 महीने के लिए सोलर प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे, ताकि ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और राज्य को सौर ऊर्जा क्षेत्र में और मज़बूती मिले.
निवेशकों के लिए अवसर
समिट में भाग ले रहे निवेशकों के उत्साह को देखकर यह स्पष्ट हुआ कि प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए विकसित और किफायती योजनाएं तैयार की जा रही हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होंगी, बल्कि राज्य की ऊर्जा आवश्यकता को भी पूरा करने में सहायक होंगी. यह समिट मध्य प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.