भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साल 2025 का पहला कोविड-19 का मामला सामने आया है. मंगलवार शाम 7:17 बजे एक 42 वर्षीय महिला की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद शहर में स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों के बीच हलचल मच गई है.
मरीज को वर्तमान में एक निजी अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है. इस खबर ने एक बार फिर कोविड-19 के प्रति सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है, खासकर तब जब प्रदेश में इस साल अब तक 31 पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
मरीज में दिखे बुखार और गले में खराश के लक्षण
जानकारी के अनुसार, उक्त महिला लगातार बुखार और गले में खराश की शिकायत के साथ निजी अस्पताल की ओपीडी में परामर्श के लिए पहुंची थी. प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने कोविड-19 की संभावना को देखते हुए उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है और उन्हें उचित उपचार दिया जा रहा है. मरीज के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके.
प्रदेश में बढ़ रहे हैं कोविड जैसे लक्षण
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मा ने बताया कि हाल के दिनों में ओपीडी में आने वाले 15 से 20 फीसदी मरीजों में कोविड जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं, जिनमें बुखार, गले में खराश, और सर्दी-खांसी प्रमुख हैं. उन्होंने कहा, “हम मरीजों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन यह चिंता की बात है कि केवल एक-दो मरीज ही अगले फॉलोअप पर मास्क पहनकर आते हैं.” डॉ. शर्मा ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर उन लोगों को जो पहले से किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त हैं.
गले के इन्फेक्शन में वृद्धि, मौसम परिवर्तन भी एक कारण
हमीदिया अस्पताल के नाक, कान और गला विशेषज्ञ डॉ. यशवीर जेके ने बताया कि गले के इन्फेक्शन के मामलों में हाल के दिनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा, “गर्मी के बाद बारिश जैसा मौसम होने पर गले के इन्फेक्शन के मामले बढ़ना आम बात है. इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया के सक्रिय होने की संभावना बढ़ जाती है.” डॉ. यशवीर ने बताया कि गले में खराश और दर्द इस बीमारी की शुरुआत के लक्षण हैं. अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है और मरीज को बोलने में भी तकलीफ हो सकती है.
उन्होंने सलाह दी कि गले में किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. “लोग अक्सर गले की खराश को हल्के में लेते हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में इसे नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है. सही समय पर इलाज न केवल जटिलताओं को रोकता है, बल्कि कोविड-19 जैसे संभावित खतरों को भी कम करता है,” डॉ यशवीर ने कहा.
प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति
मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 31 कोविड-19 के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अधिकांश इंदौर और भोपाल जैसे प्रमुख शहरों से हैं. हाल ही में इंदौर में 13 नए मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग और निगरानी को और तेज कर दिया है. भोपाल के एम्स अस्पताल में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है, और संदिग्ध मरीजों की जांच को प्राथमिकता दी जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड का नया वेरिएंट JN.1 तेजी से फैल सकता है, लेकिन यह आमतौर पर हल्की बीमारी का कारण बनता है. फिर भी, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए सावधानी बरतना जरूरी है.
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
भोपाल के जेपी अस्पताल और हमीदिया अस्पताल जैसे सरकारी अस्पतालों में कोविड टेस्टिंग शुरू करने के लिए निर्देशों का इंतजार है. वहीं, एम्स भोपाल ने पहले ही एक विशेष कोविड टास्क फोर्स का गठन कर लिया है और छह आइसोलेशन बेड के साथ एक कोविड वार्ड तैयार किया है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं. इसके अलावा, जिन लोगों ने अभी तक कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें इसे जल्द से जल्द लेने की सलाह दी गई है.
विशेषज्ञों की सलाह, सतर्कता ही बचाव
एक्स पर हाल के पोस्ट्स में भी भोपाल और मध्य प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई गई है. एम्स भोपाल के निदेशक ने एक बयान में कहा, “हल्का बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है.” उन्होंने लोगों से टेस्टिंग करवाने और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि बारिश और बदलते मौसम के दौरान लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए संतुलित आहार लें और पर्याप्त पानी पिएं. गले के इन्फेक्शन से बचने के लिए गर्म पानी का सेवन, भाप लेना और गरारे करना जैसे घरेलू उपाय भी कारगर हो सकते हैं.
भोपालवासियों के लिए सतर्कता का समय
भोपाल में 2025 का पहला कोविड-19 मामला सामने आने के बाद शहरवासियों में सतर्कता बढ़ गई है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना अनिवार्य है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के साथ-साथ मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए मास्क, स्वच्छता और समय पर चिकित्सकीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है.
यह नया मामला न केवल स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक जागरूकता का संदेश है कि महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. भोपालवासियों को चाहिए कि वे इस स्थिति में सजग रहें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. जैसे-जैसे कोविड-19 की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, यह जरूरी है कि हम सब मिलकर सावधानी और जिम्मेदारी के साथ इस चुनौती का सामना करें.