पटना, 6 जून 2025: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में चुनाव आयोग ने एक अहम पहल की है। अब हर पोलिंग स्टेशन से मतदान प्रतिशत की जानकारी हर दो घंटे में ECINET ऐप के जरिए साझा की जाएगी। यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के भरोसे को मज़बूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
पिछले कुछ वर्षों में, खासकर 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत को लेकर उठे सवालों और विपक्षी दलों के आरोपों ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता बढ़ाने का दबाव बनाया था। प्रारंभिक और अंतिम आंकड़ों में अंतर, देरी से जारी रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने आयोग की साख पर सवाल खड़े कर दिए थे। ऐसे माहौल में आयोग ने तकनीक का सहारा लेते हुए ECINET ऐप के जरिए रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग की योजना लागू की है।
क्या है ECINET ऐप की खासियत?
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हर पोलिंग स्टेशन से हर दो घंटे पर मतदान का प्रतिशत दर्ज किया जाएगा।
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ऑफलाइन एंट्री की सुविधा भी उपलब्ध है, ताकि इंटरनेट की समस्या वाले क्षेत्रों में भी रिपोर्टिंग बाधित न हो।
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इससे पहले मतदान आंकड़े फोन, एसएमएस या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भेजे जाते थे, जिससे कई बार 4-5 घंटे तक की देरी हो जाती थी।
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मानवीय त्रुटियों और डेटा की शुद्धता को लेकर भी लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें यह ऐप दूर करेगा।
बिहार से होगी शुरुआत, देशभर में हो सकता है विस्तार
राजनीतिक रूप से जागरूक और प्रतिस्पर्धी राज्य बिहार को इस नई प्रणाली के लिए चुना गया है। यहां की ग्रामीण-शहरी विविधता और इंटरनेट कनेक्टिविटी की चुनौतियाँ आयोग के लिए एक सटीक परीक्षण का मौका हैं। यदि यह मॉडल सफल रहता है तो भविष्य में इसे संपूर्ण भारत में लागू किया जा सकता है।
विपक्ष ने क्या कहा था?
विपक्षी दलों का कहना रहा है कि मतदान प्रतिशत में देरी और अस्पष्टता चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर असर डालती है। 2024 में कई क्षेत्रों में मतदान समाप्त होने के 48 घंटे बाद तक भी स्पष्ट आंकड़े नहीं मिले थे। इससे जनता के बीच संदेह और अफवाहों ने जोर पकड़ा था। ECINET ऐप ऐसे हालात को रोकने की दिशा में एक व्यावहारिक और समयानुकूल पहल मानी जा रही है।
लोकतंत्र में तकनीक का नया अध्याय
ECINET ऐप के ज़रिए चुनाव आयोग न सिर्फ़ वोटिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बना रहा है, बल्कि यह कदम भारतीय लोकतंत्र में तकनीक की सकारात्मक भूमिका को भी रेखांकित करता है। ऐसे समय में जब जनता, मीडिया और राजनीतिक दलों की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं, यह प्रयास समय की मांग को पूरा करता है।