CBSE, NEET Success Story: जब आप किसी भी चीज को पाने का सपना देखते हैं, तो उसे उसी के अनुसार मेहनत और लगन के साथ काम करना होता है. ऐसी ही कहानी एक लड़की है, जो 10वीं में डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- NEET में 11वीं रैंक हासिल की हैं.
- इसके साथ ही नीट में पश्चिम बंगाल स्टेट टॉपर भी रही हैं.
- अब AIIMS दिल्ली से MBBS कर रही हैं.
नई दिल्ली: सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें हकीकत में बदलना कड़ी मेहनत और अटूट लगन की मांग करता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है शायंतनी चटर्जी की, जिन्होंने दसवीं कक्षा में डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने प्रतिष्ठित NEET UG परीक्षा में शानदार 11वीं रैंक हासिल की, साथ ही पश्चिम बंगाल राज्य में भी टॉप किया!
पश्चिम बंगाल के बैरकपुर की रहने वाली शायंतनी ने अपनी स्कूली शिक्षा सीबीएसई बोर्ड के तहत डीएवी पब्लिक स्कूल बैरकपुर से पूरी की। लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने दसवीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। हालांकि, उन्हें कभी यह उम्मीद नहीं थी कि वह NEET जैसी कठिन परीक्षा में राज्य के टॉपर्स में अपनी जगह बना पाएंगी। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर 720 में से 710 अंक हासिल किए, जो उनकी असाधारण प्रतिभा का प्रमाण है। राष्ट्रीय स्तर पर 11वीं रैंक और लड़कियों में चौथी टॉपर बनकर शायंतनी ने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है।
अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए शायंतनी कहती हैं कि उन्होंने कक्षा 11वीं से ही नियमित रूप से प्रश्नपत्र हल करना और मॉक टेस्ट देना शुरू कर दिया था। वह अपनी सफलता का श्रेय सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को देती हैं, जो NEET के सिलेबस के अनुरूप था। उन्होंने यह भी बताया कि महामारी के दौरान जब बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में विभाजित किया गया, तो उन्हें NEET की तैयारी करना और भी आसान लगा, क्योंकि एमसीक्यू फॉर्मेट NEET परीक्षा के पैटर्न से काफी मिलता-जुलता था।
वर्ष 2022 की NEET UG परीक्षा में शामिल हुए 50,864 छात्रों में शायंतनी चटर्जी का नाम शीर्ष पर रहा। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद, उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Delhi) में MBBS पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। वर्तमान में, वह MBBS के दूसरे वर्ष की छात्रा हैं और अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। शायंतनी की कहानी उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने का जज्बा रखते हैं।