Coronavirus New Variant: सिंगापुर और हांगकांग में कोरोना मामलों में वृद्धि से हाहाकार मचा है. भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सरकार ने तैयारियों की समीक्षा की है. नए वेरिएंट से मामलों में तेजी आई है. एक …और पढ़ें

नई दिल्ली: दुनिया एक बार फिर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से कांप उठी है। सिंगापुर और हांगकांग में कोरोना के नए वेरिएंट ने तबाही मचा रखी है, जहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है और मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस भयावह स्थिति को देखते हुए भारत सरकार भी हरकत में आ गई है और आनन-फानन में हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर भारत में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन सरकार किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के 10 बड़े अपडेट:
दुनिया में कोरोना का कोहराम:
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सिंगापुर और हांगकांग में उछाल: सिंगापुर और हांगकांग में इस महीने कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित तेजी देखी गई है। सिंगापुर में तो एक ही हफ्ते में 28% की चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज हुई है, जहां मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 तक पहुंच गए हैं।
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हांगकांग में मौतों का तांडव: हांगकांग में स्थिति और भी गंभीर है, जहां एक साल में सबसे ज्यादा साप्ताहिक मौतें (31 मौतें) दर्ज की गई हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
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अस्पतालों में मरीजों की बाढ़: सिंगापुर में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 30% का इजाफा हुआ है, जबकि हांगकांग में गंभीर मामलों और मृत्यु दर में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।
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सरकारें अलर्ट मोड पर: दोनों ही शहरों की सरकारें स्थिति पर पैनी नजर रख रही हैं और लोगों से लगातार टीकाकरण कराने और कोविड-19 नियमों (मास्क पहनना, हाथ धोना, क्वारंटाइन होना) का सख्ती से पालन करने की अपील कर रही हैं।
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सिंगापुर का टीकाकरण अभियान: सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उच्च जोखिम वाले लोगों से बिना किसी देरी के बूस्टर डोज लेने का आग्रह किया है, ताकि गंभीर संक्रमण से बचाव किया जा सके।
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हांगकांग की तैयारियां तेज: हांगकांग के स्वास्थ्य प्राधिकरणों ने भी लोगों से बार-बार टेस्ट कराने, पॉजिटिव आने पर तुरंत क्वारंटाइन होने और टीकाकरण को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है।
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नए वेरिएंट का खतरा: दोनों शहरों में ओमिक्रॉन JN.1 वेरिएंट के नए उप-वेरिएंट (सिंगापुर में LF.7 और NB.1.8) के कारण मामलों में यह खतरनाक उछाल देखा जा रहा है।
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वेरिएंट कितना खतरनाक? हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इन नए वेरिएंट के अधिक संक्रामक या जानलेवा होने का कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिला है, लेकिन मामलों की तेजी से बढ़ती संख्या स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव डाल रही है।
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घनी आबादी का प्रकोप: विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों शहरों की घनी आबादी वायरस के तेजी से फैलने का एक प्रमुख कारण है, जहां संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
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कमजोर होती प्रतिरक्षा: विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टीकाकरण या पिछले संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा धीरे-धीरे कमजोर हो रही है, जिसके कारण यह नई लहर आई है और लोग फिर से संक्रमित हो रहे हैं।
भारत में क्या है स्थिति?
इस बीच, भारत सरकार भी पूरी तरह से सतर्क हो गई है। बीती रात दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आपात चिकित्सा राहत प्रभाग, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में वर्तमान कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। 19 मई तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की कुल संख्या महज 257 है, जो देश की विशाल आबादी को देखते हुए बहुत कम है। इनमें से लगभग सभी मामले मामूली हैं और किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
हालांकि, दुनिया में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।