एम्स भोपाल में डॉक्टरों का कमाल, 'नन्ही जान' का किया 45 मिनट का जटिल MRI,
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एम्स भोपाल में डॉक्टरों का कमाल, ‘नन्ही जान’ का किया 45 मिनट का जटिल MRI, देश में बना रिकॉर्ड!

By AgrasarINdia News Desk
Publish Date: Monday, June 2, 2025 at 12:34:57 PM IST


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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता साबित की है। यहां एक नवजात शिशु का सफलतापूर्वक एमआरआई (MRI) किया गया, जिसकी प्रक्रिया **पूरे 45 मिनट तक चली**। यह नवजात मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के चलते एम्स रेफर किया गया था, और इस बेहद नाजुक व चुनौतीपूर्ण जांच को डॉक्टरों की टीम ने कमाल करते हुए अंजाम दिया है।

मुख्य बातें:

  • असाधारण उपलब्धि: एम्स भोपाल में नवजात शिशु का सफलतापूर्वक एमआरआई स्कैन।
  • स्वास्थ्य चुनौती: शिशु को मस्तिष्क संबंधी संदिग्ध स्थिति के साथ एम्स रेफर किया गया था।
  • प्रक्रिया की जटिलता: 45 मिनट तक चली यह उच्च-जोखिम वाली जांच, नवजात शिशुओं के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है।
  • विशेषज्ञता: एम्स के डॉक्टरों की समर्पित टीम ने विशेष निगरानी और देखभाल के साथ प्रक्रिया को अंजाम दिया।
  • महत्व: यह एम्स भोपाल में आधुनिक चिकित्सा तकनीक और विशेषज्ञता का प्रमाण है।
  • उम्मीद की किरण: इस जांच से शिशु के इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।

**भोपाल, मध्य प्रदेश:** अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल ने एक बार फिर मेडिकल साइंस के क्षेत्र में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। यहां के डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु का एमआरआई (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) स्कैन सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिसकी अवधि 45 मिनट थी। नवजात शिशुओं पर एमआरआई करना मेडिकल जगत में एक बड़ी चुनौती माना जाता है, क्योंकि इसमें शिशु को लंबे समय तक बिना हिले-डुले रखना होता है, साथ ही मशीन का तेज शोर भी एक समस्या होता है।

सूत्रों के अनुसार, यह नवजात शिशु मस्तिष्क संबंधी किसी गंभीर समस्या के संदेह में एम्स रेफर किया गया था। डॉक्टरों को समस्या के सटीक कारण का पता लगाने और सही इलाज शुरू करने के लिए इस विस्तृत जांच की आवश्यकता थी। एम्स भोपाल के रेडियोलॉजी और बाल रोग विशेषज्ञों की टीम ने मिलकर इस नाजुक प्रक्रिया को अंजाम दिया।

पूरी प्रक्रिया के दौरान, शिशु की हर गतिविधि, हृदय गति और सांस लेने की प्रक्रिया पर लगातार नज़र रखी गई ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 45 मिनट की इस सफल जांच के बाद, अब शिशु के स्वास्थ्य को लेकर आगे की सटीक उपचार योजना बनाई जा सकेगी।

यह उपलब्धि एम्स भोपाल की बढ़ती विशेषज्ञता और अत्याधुनिक सुविधाओं का एक और प्रमाण है। इससे पहले भी संस्थान ने जटिल हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट जैसी सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं, जो दर्शाता है कि मध्य प्रदेश अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बड़े महानगरों पर निर्भर नहीं है।

स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश

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