प्रकाशित तिथि: 31 मई, 2025 | 1:43 PM
रोबोट से लेकर हेल्थ ऐप तक… हज को आसान बनाने के लिए सऊदी अरब ऐसे कर रहा AI का इस्तेमाल
सऊदी अरब में हज अदा करने के लिए इस साल लगभग 2 मिलियन (20 लाख) तीर्थयात्री जुट चुके हैं। इतनी बड़ी तादाद में लोगों को मैनेज करना और उनकी ज़रूरतों का ख्याल रखना एक बड़ी चुनौती है, जिसे आसान बनाने के लिए सऊदी अरब अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा ले रहा है। 6 जून को समाप्त होने वाली इस हज यात्रा के दौरान, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए AI रोबोट और स्मार्ट डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
- हज 2025 में लगभग 2 मिलियन तीर्थयात्री शामिल।
- सऊदी अरब तीर्थयात्रियों के प्रबंधन के लिए AI का कर रहा है इस्तेमाल।
- एक AI रोबोट 20 से अधिक भाषाओं में बात कर सकता है, जिससे संचार में मदद मिलेगी।
- ‘नुसुक कार्ड’ तीर्थयात्रियों को अपॉइंटमेंट बुक करने और संपर्क जानकारी रखने में मदद करेगा।
- ‘तवाक्कलना’ नामक मोबाइल स्वास्थ्य ऐप स्वास्थ्य अपडेट और मेडिकल सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।
- कुरान पढ़ने और सीखने के लिए भी ऐप लॉन्च किया गया।
- भीषण गर्मी (51.8°C तक) एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सऊदी अरब: हज यात्रा, जो इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है, हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमानों को मक्का और मदीना खींच लाती है। इस साल, इतनी विशाल भीड़ को संभालने और उन्हें एक सुगम व सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए, सऊदी अरब ने प्रौद्योगिकी, विशेषकर AI का सहारा लिया है।
AI रोबोट से मिलेगी भाषाई मदद:
इन स्मार्ट डिजिटल सेवाओं में एक प्रमुख आकर्षण एक AI रोबोट है जो 20 से अधिक भाषाओं में बात कर सकता है। यह रोबोट विभिन्न देशों से आए तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ी सहायता साबित होगा, क्योंकि कई लोगों को अरबी भाषा नहीं आती। इससे वे रास्ता भटकने या मदद मांगने पर भाषा की बाधा का सामना नहीं करेंगे और आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
स्मार्ट कार्ड और हेल्थ ऐप्स:
AI के उपयोग में ‘नुसुक कार्ड’ भी शामिल है, जो तीर्थयात्रियों को पैगंबर की मस्जिद में पवित्र रावदाह की यात्रा के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने में मदद करेगा। इन कार्डों में तीर्थयात्रियों की संपर्क जानकारी और ठहरने का पता भी रहेगा, जिससे खोए हुए और लापता लोगों की संख्या में कमी लाने में सहायता मिलेगी।
‘तवाक्कलना’ नामक एक मोबाइल स्वास्थ्य ऐप भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जो तीर्थयात्रियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अपडेट करेगा और उन्हें आवश्यक मेडिकल सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा। इसके अलावा, सऊदी अधिकारियों ने ‘मक्का रूट पहल’ भी शुरू की है, जो तीर्थयात्रियों के लिए उनके अपने देशों में ही यात्रा को आसान बनाने में मदद करती है। इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को पढ़ने और सीखने के लिए भी एक ऐप लॉन्च किया गया है, जिससे लोग और बेहतर तरीके से इबादत कर सकें।
भीषण गर्मी एक बड़ी चुनौती:
सऊदी अधिकारियों के अनुसार, हज यात्रा के लिए अब तक 12 लाख से अधिक तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंच चुके हैं। सऊदी अरब के हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने गुरुवार को एएफपी को बताया कि इस साल की तीर्थयात्रा से पहले अधिकारियों और आयोजकों के बीच भीषण रेगिस्तानी गर्मी को कम करने की कोशिश करने को लेकर बात हुई थी। यह चिंता जायज है, क्योंकि पिछले साल हज के दौरान भीषण गर्मी के कारण 1,300 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत दर्ज की गई थी, जब तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125.24 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक पहुंच गया था।
रबिया ने कहा कि इस साल अधिकारियों ने 40 से अधिक सरकारी एजेंसियों और 250,000 अधिकारियों को जुटाया है और गर्मी से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है।