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बुरहानपुर में शख्स ने ‘बेटे’ का दर्जा देकर कुत्ते का नाम छपवाया बेटी की शादी के कार्ड में, सिलवाए ‘रंगबिरंगे कपड़े’

Last Updated: May 27, 2025, 01:33 PM IST

अनोखा ‘पशु प्रेम’! बुरहानपुर में शख्स ने ‘बेटे’ का दर्जा देकर कुत्ते का नाम छपवाया बेटी की शादी के कार्ड में, सिलवाए ‘रंगबिरंगे कपड़े’

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से बेजुबानों के लिए प्यार की एक अनोखी कहानी सामने आई है। यहां राजेश मावले ने अपने पालतू कुत्ते शेरू को बेटे का दर्जा देकर अनोखी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी बेटी की शादी के कार्ड में भी शेरू का नाम छपवाया और उसके लिए खास कपड़े सिलवाए।

हाइलाइट्स

  • बुरहानपुर के राजेश मावले ने पालतू कुत्ते शेरू को दिया बेटे का दर्जा।
  • बेटी की शादी के कार्ड में ‘शेरू राजेश मावले’ के नाम से छपवाया।
  • शेरू के लिए दर्जी से रंगबिरंगे कपड़े सिलवाए गए।
  • शेरू शादी समारोह में आकर्षण का केंद्र बना रहा।
  • यह कदम पशु प्रेम और संवेदनशीलता का उदाहरण है।

बुरहानपुर, मध्य प्रदेश: आपने अक्सर इंसानों और डॉग के बीच प्यार के कई किस्से सुने होंगे। डॉग को वफादारी के लिए जाना जाता है और उन्हें इंसान का बेस्ट फ्रेंड माना जाता है। कुछ ऐसा ही किस्सा मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से सामने आया है। समाज में पशु प्रेम का संदेश देते हुए शहर के समाजसेवी राजेश मावले ने अपने पालतू कुत्ते शेरू को बेटे का दर्जा देकर एक अनोखी मिसाल पेश की है। वैसे तो राजेश मावले के 2 बेटे और एक बेटी हैं, लेकिन उन्होंने अपने पालतू पेट शेरू को भी चौथे बेटे की तरह परिवार में शामिल कर रखा है।

बेटी की शादी के दौरान उन्होंने शेरू के लिए भी खास तैयारी की थी। राजेश मावले खुद शेरू को दर्जी के पास लेकर गए। यहां दर्जी ने बाकायदा टेप से उसका नाप लिया। फिर शेरू के लिए भी रंगबिरंगे कपड़े सिलवाए।

शादी के कार्ड में छपवाया नाम:

यही नहीं राजेश मावले ने अपनी बेटी की शादी में छपी हुई पत्रिका में भी **”शेरू राजेश मावले”** का नाम बाकायदा बेटे की तरह लिखवाया है। 26 मई की रात आयोजित शादी समारोह में शेरू नए परिधानों में सजधजकर शामिल हुआ और पूरे सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ शादी की रस्मों में भाग लिया। मेहमानों के बीच वह आकर्षण का केंद्र बना रहा। लोगों ने उसके साथ फोटो भी खिंचवाई।

राजेश मावले ने बताया कि शेरू बचपन से उनके साथ है और हर पर्व, उत्सव और पारिवारिक आयोजन में बराबरी से शामिल होता है। शेरू का जन्मदिन भी हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। उनका यह कदम पशुओं के प्रति गहरी संवेदनशीलता और प्रेम को दर्शाता है।

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