नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, और इस बीच पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। एक तरफ जहां आज कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंधु जल संधि को लेकर किसान संगठनों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा करने वाले हैं, वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान से आई खबर पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ाने वाली है।
दिल्ली के पूसा परिसर में आज सिंधु जल संधि को लेकर एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इस बैठक में उन राज्यों के किसान शामिल हो रहे हैं जो सिंधु नदी के जल से लाभान्वित होते हैं। माना जा रहा है कि इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य सिंधु जल संधि के तहत भारत को मिले जल अधिकारों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। कृषि मंत्री चौहान किसानों से उनके अनुभव, समस्याओं और संभावित समाधानों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिससे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नीति निर्माण को नई दिशा मिल सकेगी।
इस बीच, पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार हुई ज्योति मल्होत्रा के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इन उपकरणों की जांच से पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा भारत में चलाए जा रहे ‘परसेप्शन वॉर’ की परतों का खुलासा हो सकता है। इसी सिलसिले में कई भारतीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। यह पूरी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ही एक हिस्सा है, जिसके तहत भारत ने हाल ही में एक बड़ा खुफिया अभियान शुरू किया है।
लेकिन पाकिस्तान के लिए असली बुरी खबर अफगानिस्तान से आई है। भारत और अफगानिस्तान के बीच काबुल नदी पर शहतूत बांध बनाने की परियोजना पर सहमति बन गई है। इस बांध के बनने से पाकिस्तान को जाने वाले पानी की मात्रा में भारी कमी आएगी, जिससे पहले से ही जल संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। यह कदम भारत की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है जिसके तहत वह सिंधु जल संधि के तहत अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों के साथ जल प्रबंधन में सहयोग कर रहा है।
विदेश नीति के मोर्चे पर भी आज भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से छह दिवसीय यात्रा पर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यूरोपीय साझेदारों के साथ रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करना है। इस दौरान व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी।
कुल मिलाकर, आज भारत आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसका सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ने वाला है। एक तरफ सिंधु जल संधि पर मंथन और दूसरी तरफ अफगानिस्तान के साथ जल परियोजना पर सहमति, पाकिस्तान के लिए आने वाले दिन और भी मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं।