Last Updated: May 24, 2025, 13:44 IST
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में बेमौसम बारिश ने प्याज किसानों की कमर तोड़ दी है। 10 हजार हेक्टेयर में प्याज और बीज खराब, लाखों क्विंटल फसल बर्बाद, दाम भी कौड़ियों के भाव।
हाइलाइट्स
- खंडवा में 10 हजार हेक्टेयर प्याज की फसल और बीज खराब।
- करीब 3 लाख क्विंटल प्याज की कली (बीज) हुई बर्बाद।
- मंडियों में प्याज के दाम ₹5 प्रति किलो तक गिरे।
- किसान मुआवजे और सर्वे की कर रहे हैं मांग।
- प्रशासन की चुप्पी से किसानों में भारी निराशा।
खंडवा (मध्य प्रदेश): बेमौसम बारिश ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में हजारों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। यह वही जिला है, जहां से पूरे देश में प्याज की बंपर सप्लाई होती है। जिन खेतों में किसान उम्मीद से प्याज की फसल काटकर मंडी ले जाने की तैयारी कर रहे थे, अब वहीं खेत जलभराव और सड़ी प्याज से भर गए हैं। इस बार प्याज की हालत इतनी खराब है कि मंडियों में ₹5 किलो भी दाम नहीं मिल रहे हैं। किसानों का कहना है कि बारिश ने प्याज ही नहीं, बल्कि उनके पूरे साल की मेहनत को बर्बाद कर दिया।
10 हजार हेक्टेयर में नुकसान, कली भी बर्बाद:
जिले में करीब 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार प्याज की फसल और 2 हजार हेक्टेयर में तैयार की गई प्याज की कली (बीज) बुरी तरह भीगकर खराब हो चुकी है। किसानों ने बताया कि उन्होंने मई की तेज धूप में फसल काटी थी और मंडी ले जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, बारिश ने पूरी व्यवस्था को बिगाड़ दिया। खेतों में रखी प्याज भीग गई और वह सड़ने लगी।
मंडी में प्याज के दाम ₹5 किलो:
खंडवा की मंडियों में इस समय प्याज थोक में मात्र ₹4 से ₹5 प्रति किलो बिक रही है। जबकि, सामान्य दिनों में यही प्याज ₹10 से ₹15 किलो में बिकती थी। हालत यह हो गई है कि किसान अब प्याज को बोरी में भरकर फुटपाथों पर ₹150, ₹200 या ₹300 प्रति कट्टा बेच रहे हैं, ताकि कुछ मुनाफा मिल सके।
इस बार सिर्फ प्याज नहीं, बल्कि प्याज की बीज रूपी कली भी खराब हो गई है। किसान इस कली को गर्मी में फिर से बोवनी के लिए रखते हैं। लेकिन, बारिश से कली गलने लगी है। किसान सुभाष पटेल, जो भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री भी हैं, ने बताया कि अगस्त के लिए जो प्याज की कली तैयार की थी, वह अब बेकार हो गई है। 2 हजार हेक्टेयर में तैयार की गई लगभग 3 लाख क्विंटल कली बर्बाद हो गई है।
तीन सीजन की फसल, बड़े पैमाने पर नुकसान:
खंडवा जिले में प्याज की खेती सालभर में तीन बार होती है। गर्मी, बारिश और ठंड, इन तीनों सीजन में किसान करीब 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्याज की फसल लेते हैं। इस बार ठंड सीजन में 22 हजार हेक्टेयर में प्याज बोई गई थी। अप्रैल-मई में फसल काट ली गई थी, लेकिन बारिश और ओले पड़ने के कारण फसल खेतों में ही खराब हो गई। खंडवा, पंधाना, छैगांवमाखन और खालवा ब्लॉक में दर्जनों गांव जैसे आरूद, धनोरा, माकरला, बांदरला, छिरवेल आदि में किसानों की प्याज की फसल को 25 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे प्याज की ग्रोथ रुक गई है और जमीन में ही सड़ गई है।
प्रशासन की चुप्पी, किसानों की मांग:
किसानों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि न तो कृषि विभाग ने कोई सर्वे किया है और न ही कोई मुआवजे की घोषणा हुई है। किसान मांग कर रहे हैं कि तुरंत सर्वे कराकर नुकसान का आकलन किया जाए और राहत राशि दी जाए। खंडवा जिले के किसानों के लिए यह बेमौसम बारिश किसी आपदा से कम नहीं। खेतों में रखी प्याज बर्बाद, प्याज की कली भी खराब, और मंडियों में दाम इतने कम कि लागत भी नहीं निकल रही। वहीं, प्रशासन किसानों की समस्या पर चुप है।
Location: खंडवा, मध्य प्रदेश