मानसून से पहले महापौर का 'अल्टीमेटम': "इंदौर में डूब न जाए इंदौर, तुरंत शुरू करो तैयारी, पिछली बार जैसे हालात न बनें"
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मानसून से पहले महापौर का ‘अल्टीमेटम’: “इंदौर में डूब न जाए इंदौर, तुरंत शुरू करो तैयारी, पिछली बार जैसे हालात न बनें”

प्रकाशित तिथि: 31 मई, 2025

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पर मानसून का खतरा मंडरा रहा है। पिछली बार की भारी बारिश में शहर के कई इलाकों में जलभराव के भयानक हालात बने थे, जिसे देखते हुए इस बार महापौर **पुष्यमित्र भार्गव** ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को **”इंदौर में डूब न जाए इंदौर”** की चेतावनी देते हुए जलभराव से निपटने के लिए तुरंत और युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू करने को कहा है, ताकि पिछली बार जैसे हालात दोबारा न बनें।

मुख्य बिंदु

  • महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मानसून से पहले जलभराव रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए।
  • अधिकारियों को पिछली बार जैसे हालात न बनने देने के लिए तुरंत तैयारी शुरू करने को कहा।
  • नगर निगम और यातायात पुलिस मिलकर काम करेंगे।
  • जोनल अधिकारियों को जलभराव होने पर सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
  • जल निकासी लाइनों की सफाई, चेंबर निर्माण और अतिक्रमण हटाने पर जोर।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी जल निकासी व्यवस्था पर निर्देश दे चुके हैं।

इंदौर, मध्य प्रदेश: इंदौर, जो अपनी स्वच्छता के लिए जाना जाता है, मानसून के हर मौसम में जलभराव की गंभीर समस्या से जूझता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, थोड़ी सी बारिश भी शहर की सड़कों को तालाब में बदल देती है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस बार मानसून के आगमन से पहले ही कमर कस ली है।

महापौर ने नगर निगम आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस बार जलभराव की कोई भी शिकायत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जोनल अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दी कि यदि उनके क्षेत्र में पानी भराया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में शहर में जलभराव वाले जितने भी स्थान पाए गए थे, उन सभी पर पानी न भराए इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। कुछ स्थानों पर यह कार्य चल भी रहा है। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह और आयुक्त शिवम वर्मा ने शहर के प्रमुख चौराहों और उन स्थानों की गहन समीक्षा की, जहां जल जमाव की समस्या उत्पन्न होती है। इनमें विजय नगर चौराहा, सत्य साईं चौराहा, रॉबर्ट चौराहा, सयाजी चौराहा, इंडस्ट्री हाउस चौराहा, एलआईजी चौराहा, तीन इमली चौराहा, खजराना ब्रिज, पलसीकर चौराहा, मधु मिलन चौराहा, चंदन नगर चौराहा, न्याय नगर, बीआरटीएस तथा अन्य स्थान शामिल हैं।

अधिकारियों ने ‘स्टॉर्म वॉटर लाइन’ और चेंबर निर्माण के महत्व पर जोर दिया है। जहाँ स्टॉर्म वॉटर लाइन नहीं है, वहाँ उन्हें डालने और जहाँ लाइन है, वहाँ चेंबर निर्माण तथा सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। शहर के नालों के पास जल निकासी की सुविधा को भी सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया है। कलेक्टर सिंह ने समस्त एसडीएम और रेवेन्यू ऑफिसर को शहर के पुराने नालों की वर्तमान स्थिति का रिकॉर्ड चेक करने और नालों पर से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

गौरतलब है कि पिछले साल भी इंदौर में भारी बारिश के कारण सड़कें नदी में बदल गई थीं और कई वाहन पानी में डूब गए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पूर्व में इंदौर में बारिश में सड़कों पर जल निकासी प्रबंधन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इस बार नगर निगम और यातायात पुलिस ने भी जलभराव रोकने के लिए हाथ मिलाया है, जो इस समस्या के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।

स्थान: इंदौर, मध्य प्रदेश

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