सनसनीखेज खुलासा: लॉरेंस बिश्नोई ने पुलिस हिरासत में CIA दफ़्तर से दिया था टीवी इंटरव्यू; CCTV बंद, अफ़सर ग़ैरहाज़िर
चंडीगढ़: 3 और 4 सितंबर 2022 की रात को एक ऐसी घटना हुई, जिसने सबको हैरान कर दिया. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जो उस समय खरड़ स्थित पंजाब पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) की हिरासत में था, उसने वहीं से आराम से एक टीवी इंटरव्यू रिकॉर्ड किया. रिपोर्ट में साफ-साफ़ लिखा है कि ये इंटरव्यू पुलिस के ऑफ़िस में हुआ, न कि जेल में या किसी कोर्ट में.
पुलिस ऑफ़िस में मिली ख़ास सुविधाएं
बिश्नोई को न सिर्फ़ पुलिस ऑफ़िस में बैठने की छूट दी गई, बल्कि उसे वहाँ का वाई-फ़ाई और मोबाइल फ़ोन भी मिल गया. और तो और, इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए उसे पूरा वक़्त दिया गया – पूरे 90 मिनट. बिश्नोई के पास एक Samsung Galaxy A21S मोबाइल था, जिससे उसने ये इंटरव्यू रिकॉर्ड किया. ये मोबाइल किसी और ने नहीं, बल्कि पुलिस के अंदर से ही पहुँचाया गया था. इतना ही नहीं, उसे CIA ऑफ़िस का वाई-फ़ाई पासवर्ड भी दे दिया गया, ताकि वह बिना किसी नेटवर्क परेशानी के वीडियो शूट कर सके.
यह सब कुछ एक ऐसे दफ़्तर में हुआ, जिसे ‘हाई सिक्योरिटी ज़ोन’ कहा जाता है. वहाँ तैनात अफ़सरों की ज़िम्मेदारी थी कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जाए, लेकिन यहाँ तो ख़ुद पुलिस के लोग ही बिश्नोई की मदद करते दिखे.
ज़िम्मेदार अफ़सर थे ग़ैरहाज़िर, CCTV भी थे बंद
इस रात इंस्पेक्टर शिव कुमार और केस की जाँच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर रीना, दोनों बिना किसी आधिकारिक मंज़ूरी के जालंधर चले गए थे. यानी जिन पर बिश्नोई की निगरानी की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी थी, वही लोग अपनी ड्यूटी छोड़कर चले गए. इसका मतलब ये हुआ कि बिश्नोई को ऑफ़िस के अंदर पूरी छूट मिल गई — न कोई चेकिंग, न कोई निगरानी. रिपोर्ट के मुताबिक, इन अफ़सरों ने जाते-जाते किसी और को भी ज़िम्मेदारी नहीं सौंपी. सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया.
इतना ही नहीं, उस रात ऑफ़िस में CCTV कैमरे भी या तो बंद थे या फिर जानबूझकर कोई रिकॉर्ड नहीं किया गया. लॉरेंस बिश्नोई कहाँ गया, किससे मिला, कितनी देर बैठा, किसी का कोई रिकॉर्ड नहीं है. बस एक फ़र्ज़ी एंट्री हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश ने रात 11 बजे के आसपास की, ताकि ऐसा लगे कि इंस्पेक्टर शिव कुमार मौजूद थे.
पूरा सिस्टम ही फेल था
इस मामले की जाँच पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी प्रभोध कुमार और डीआईजी निलांबरी जगदाले की टीम ने की. उन्होंने जो रिपोर्ट तैयार की, उसमें कहा गया कि लॉरेंस बिश्नोई को न सिर्फ़ ग़ैरक़ानूनी तौर पर इंटरव्यू करने दिया गया, बल्कि उसकी पूरी मदद भी की गई. इस रिपोर्ट के बाद कई पुलिस अफ़सरों को निलंबित किया गया — जिनमें डीएसपी गुरशेर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार और दूसरे अफ़सर भी शामिल हैं. कुछ अफ़सरों को नौकरी से भी निकाल दिया गया.