मध्य प्रदेश में मॉनसून का इंतज़ार खत्म! 15 जून को मंडला-बालाघाट के रास्ते देगा दस्तक
जबलपुर/भोपाल: भीषण गर्मी और उमस का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है. सुस्त पड़े मॉनसून के 14 जून से एक बार फिर आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अपने निर्धारित समय 15 जून को मॉनसून मध्य प्रदेश में मंडला और बालाघाट के रास्ते से दस्तक दे सकता है.
मॉनसून की दस्तक और मौसम का हाल
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून पिछले 10 दिनों से स्थिर बना हुआ था, लेकिन अब उसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां धीरे-धीरे अनुकूल हो रही हैं. वर्तमान में मॉनसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, बालुरघाट से होकर गुज़र रही है. अनुमान है कि 15 जून को यह मंडला और बालाघाट के रास्ते मध्य प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा.
हालांकि, मंगलवार को भी प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे बने रहे. सबसे अधिक 44.8 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया, जबकि रतलाम और धार में लू का प्रभाव रहा. मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि गुरुवार को भी कहीं-कहीं लू का प्रभाव रह सकता है. वहीं, जबलपुर, नर्मदापुरम और इंदौर संभाग के ज़िलों में वर्षा होने की भी संभावना है.
मौसम प्रणालियां और मॉनसून की प्रगति
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में उत्तरी ओडिशा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. इसके अतिरिक्त तमिलनाडु पर शियर ज़ोन (विपरीत दिशा की हवा का सम्मिलन) बना हुआ है. इन दोनों मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल होने लगी हैं. ओडिशा में बने चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में बदलकर आगे बढ़ने के आसार हैं, जिससे 14 जून से मॉनसून के आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है.
इसके अलावा, उत्तर-पूर्व राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. इस चक्रवात से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका भी बनी हुई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है, जो मॉनसून की प्रगति में सहायक होगा.