भोपाल, 6 जून 2025 — प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए अब सरकार ने ब्लैक स्पॉट के साथ-साथ रेड स्पॉट और हॉट स्पॉट को भी चिन्हित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने हाल ही में हुई जिला सड़क संरक्षा समितियों (DRSC) की बैठक में इस बाबत निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों को रोड सेफ्टी प्लान तैयार करने का आदेश भी दिया है।
सड़क हादसे बनते जा रहे जानलेवा
साल 2024 में मध्य प्रदेश में करीब 14,000 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई, जबकि 56,000 से अधिक लोग घायल हुए। इन चिंताजनक आंकड़ों के मद्देनजर सरकार ने सड़क सुरक्षा की दिशा में गंभीर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
रेड स्पॉट और हॉट स्पॉट का होगा सर्वेक्षण
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, रेड और हॉट स्पॉट की पहचान से दुर्घटना के कारणों का विश्लेषण कर उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। इस कार्य में सभी संबंधित विभागों का सहयोग लिया जाएगा और कलेक्टरों की निगरानी में यह प्रक्रिया संपन्न होगी।
क्या होते हैं रेड स्पॉट, हॉट स्पॉट और ब्लैक स्पॉट?
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रेड स्पॉट: ऐसे स्थल जहां दुर्घटनाओं की संख्या या गंभीरता अन्य स्थानों की तुलना में अधिक होती है।
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हॉट स्पॉट: जिले के बड़े क्षेत्र जैसे कस्बा, कॉलोनी आदि, जहां लगातार सड़क हादसे सामने आते हैं।
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ब्लैक स्पॉट: आधा किलोमीटर के दायरे में एक साल में 5 या अधिक गंभीर हादसे, जिसमें 10 या अधिक मौतें हुई हों। वर्ष 2021 में 395 ब्लैक स्पॉट थे, जो अब 480 तक पहुंच गए हैं।
लापरवाही से वाहन चलाने पर कार्रवाई
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हैं, उनका ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित किया जाए। इस नियम का सख्ती से पालन करने की बात कही गई है।