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NEET UG की पेपरों में खामियां! छात्रों और अभिभावकों ने जताई चिंता, देखें यहां कहां-कहां आई समस्या

NEET UG 2025: प्रश्नपत्रों में त्रुटियों को लेकर छात्रों और अभिभावकों की शिकायतें, NTA से तत्काल समाधान की मांग

नई दिल्ली: नीट यूजी 2025 की परीक्षा 4 मई 2025 को देशभर में राज्य अधिकारियों के समन्वय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू कड़े सुरक्षा इंतज़ामों के तहत सफलतापूर्वक संपन्न हुई. यह परीक्षा MBBS, BDS और अन्य अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए लगभग 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. हालांकि, परीक्षा समाप्त होने के बाद कई उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों ने प्रश्नपत्रों में पाई गई त्रुटियों तथा शिकायतों के समाधान में हो रही देरी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जल्द से जल्द इन समस्याओं को स्पष्ट करने की मांग की है.

NEET UG परीक्षा में कहाँ-कहाँ आईं समस्याएँ?

  • सीकर (राजस्थान): यहाँ कुछ छात्रों को जो पेपर कोड 47 मिला, उन्होंने बताया कि उनके प्रश्नपत्र में पन्नों की संख्या सही क्रम में नहीं थी.
  • गुजरात (जामनगर): गुजराती माध्यम के पेपर कोड 48 वाले उम्मीदवारों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा.

छात्रों ने कहा कि उत्तर पुस्तिका में सही विकल्प समझने में बहुत समय लगा, जिससे उनका परीक्षा का समय प्रभावित हुआ. परीक्षा के बाद, अभिभावकों ने गुजरात सरकार और NTA को शिकायतें भेजीं, जिनमें दोषपूर्ण प्रश्नपत्र की स्कैन की हुई प्रतियाँ भी शामिल थीं. टीओआई (TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अभिभावक ने लिखा कि परीक्षा के दौरान छात्रों ने समस्या बताई, लेकिन उन्हें फिर भी गलत प्रश्नपत्र हल करने को कहा गया. राज्य के अधिकारियों ने इन शिकायतों की पुष्टि की है.

NTA की प्रतिक्रिया क्या रही?

NTA ने सीकर की समस्या पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया, क्योंकि मामला कोर्ट में चल रहा है. NTA के एक अधिकारी ने कहा कि सभी प्रश्न तय किए गए सिलेबस के अनुसार ही थे और आंसर की भी जारी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि छात्रों से प्राप्त आपत्तियों की जांच विशेषज्ञों की समिति करेगी. हालांकि, इस जवाब से पन्नों के गलत क्रम या छपाई की त्रुटियों जैसी समस्या का समाधान नहीं होता, क्योंकि यह तकनीकी और प्रिंटिंग की गलती है.

अन्य शिकायतें

कुछ उम्मीदवारों और कोचिंग के विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि कुछ प्रश्न मेडिकल विषय से बाहर थे. उदाहरण के लिए, पेपर कोड 47 का प्रश्न नंबर 38 कैलकुलस से संबंधित था, जो आमतौर पर इंजीनियरिंग की परीक्षाओं में पूछा जाता है, न कि मेडिकल में.

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