Last Updated: May 28, 2025, 01:26 PM IST
PM मोदी की ‘अपील’ पर FSSAI का ‘बड़ा कदम’! ‘मोटापे’ से लड़ने के लिए ‘तेल-चीनी’ की खपत घटाने, ‘जागरूकता’ बढ़ाने का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटापे पर नियंत्रण और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली को बढ़ावा देने के संदेश के बाद, FSSAI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तेल और चीनी की खपत घटाने, जनजागरूकता बढ़ाने और स्कूलों में नई पहलें लागू करने का आह्वान किया है।
हाइलाइट्स
- FSSAI ने राज्यों से मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देने को कहा।
- खाद्य तेल की खपत में 10% कटौती का लक्ष्य।
- बच्चों में चीनी के सेवन को लेकर जागरूकता के लिए स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाने की पहल।
- ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को मजबूत करने पर जोर।
- खाद्य सुरक्षा निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में मोटापे पर नियंत्रण और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए दिए गए संदेश के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले FSSAI ने इस दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं। FSSAI ने 47वीं केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की कि वे मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लें और इसके समाधान के लिए ठोस और व्यापक उपाय अपनाएं।
मोटापे पर लगाम और तेल की खपत में 10% की कटौती:
प्रधानमंत्री ने हाल ही में देशवासियों को मोटापे से बचाव और खाने में तेल की मात्रा कम करने की सलाह दी थी। इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए FSSAI ने राज्यों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाएं, लोगों को संतुलित आहार और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए प्रेरित करें। खासतौर पर यह संदेश दिया गया कि **तेल का प्रयोग 10% तक कम किया जाए** जिससे न केवल मोटापे पर रोक लगेगी बल्कि हृदय संबंधी रोगों का खतरा भी कम होगा।
शुगर बोर्ड से बच्चों में मीठे के सेवन पर नियंत्रण:
बैठक में एक अहम चर्चा CBSE द्वारा स्कूलों में **शुगर बोर्ड** लगाने की पहल पर हुई। इसका मकसद बच्चों में चीनी के सेवन को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। इन बोर्डों के माध्यम से बच्चों और उनके अभिभावकों को यह बताया जाएगा कि ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ उनके स्वास्थ्य पर क्या असर डाल सकते हैं। FSSAI ने राज्यों से आग्रह किया कि वे इस पहल को हर स्कूल में लागू करवाएं ताकि बच्चों को छोटी उम्र से ही स्वस्थ आदतें अपनाने की प्रेरणा मिले।
‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को मजबूती:
FSSAI ने बैठक में यह भी कहा कि **Eat Right India** जैसी पहलें तभी सफल हो सकती हैं जब राज्य सरकारें उसमें सक्रिय भूमिका निभाएं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ, पोषण युक्त और सुरक्षित भोजन के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए दुकानों, होटलों और कैंटीनों में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता की नियमित जांच, खाने में मिलावट रोकना और स्वस्थ विकल्प उपलब्ध कराना जरूरी है।
खाद्य सुरक्षा निगरानी और तकनीकी मदद:
राज्यों से यह भी कहा गया कि वे अपने खाद्य सुरक्षा निगरानी तंत्र को मजबूत करें। बाजारों, स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। FSSAI ने वादा किया कि वह सभी राज्यों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा ताकि ये योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू हो सकें।
महत्वपूर्ण भागीदारी और व्यापक विचार-विमर्श:
इस बैठक में 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिनमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी, खाद्य उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ, उपभोक्ता संगठन, कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधि, प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल थे। सभी ने मिलकर यह तय किया कि मोटापा और अस्वास्थ्यकर खानपान की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए सभी स्तरों पर एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।