RG Kar Case Latest Update: कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेप और हत्या पीड़िता के पिता ने CBI पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि CBI विरोधाभासी रिपोर्टें पेश कर रही है और असली अपराधियों को छिपा रही है…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- CBI पर विरोधाभासी रिपोर्ट पेश करने का आरोप.
- पीड़िता के पिता ने CBI पर असली अपराधियों को छिपाने का आरोप लगाया.
- पीड़िता के फोन में महत्वपूर्ण जानकारियां होने का दावा.
कोलकाता: अपनी बेटी के साथ हुई भयावह त्रासदी और न्याय की आस में भटक रहे आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेप और हत्या पीड़िता के पिता का धैर्य अब जवाब दे चुका है. मंगलवार को उनकी आवाज में गहरी निराशा और व्यवस्था के प्रति अविश्वास साफ झलक रहा था. उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एजेंसी अपनी ही जांच रिपोर्टों में विरोधाभास पेश कर रही है, जिससे न्याय की उम्मीद धुंधली होती जा रही है.
पीड़ित पिता ने ANI से बात करते हुए कहा, “CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट और सियालदह जिला कोर्ट में दो बिल्कुल अलग-अलग रिपोर्टें दाखिल की हैं. हम आज हाई कोर्ट को बताएंगे कि किस तरह दो भिन्न-भिन्न स्थिति रिपोर्टें प्रस्तुत की जा रही हैं. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी रिपोर्ट की गंभीरता पर संदेह कर रहे हैं… हमने CBI पर भरोसा किया था. लेकिन अब हमारी सारी उम्मीदें टूट रही हैं.” उनके शब्दों में अपनी बेटी के लिए न्याय न मिल पाने की गहरी पीड़ा स्पष्ट थी.
पिता का सनसनीखेज दावा
उन्होंने आगे एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि CBI उनकी बेटी के बलात्कार और हत्या के असली अपराधियों को जानती है, लेकिन जानबूझकर उन महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपा रही है. इस खुलासे ने उनकी एजेंसी पर रही बची हुई आस्था को भी हिला दिया है. उन्होंने कहा, “CBI को मेरी बेटी के रेप और मर्डर करने वालों के बारे में सब पता है, फिर भी वे उन नामों को सामने नहीं ला रहे हैं…”
उठाए कई सवाल
अपनी बेटी के निजी जीवन और संभावित सबूतों को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई. उन्होंने बताया कि उन्हें आशंका है कि उनकी बेटी के फोन तक किसी अनधिकृत व्यक्ति की पहुंच हुई होगी. उनका संदेह तब और गहरा गया जब उनकी बेटी की एक सहेली ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी को उनके व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि उस फोन में उनकी बेटी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद हैं जो मामले की तह तक पहुंचने में मददगार हो सकती हैं.
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‘कानूनी व्यवस्था पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं…’
पीड़ित पिता ने देश की कानूनी व्यवस्था के प्रति अपनी गहरी निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, “मेरी बेटी की दोस्त दो दिन पहले मुझसे मिली और उसने दिखाया कि किसी ने उसके फोन का इस्तेमाल करके हमारे कॉमन व्हाट्सएप ग्रुप से उसे निकाल दिया. CBI के पास उसका फोन है, लेकिन वे इस बात से इनकार कर रहे हैं. उसके मोबाइल फोन में सारे जवाब छिपे हैं. अब मुझे इस देश की कानूनी व्यवस्था पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं रहा…”
गौरतलब है कि 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर का शव एक सेमिनार कक्ष में मिला था. इस जघन्य अपराध ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और न्याय की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
कोलकाता उच्च न्यायालय ने पुलिस की शुरुआती जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए मामले की जांच CBI को सौंपी थी. CBI ने मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसे इस अपराध का दोषी माना गया है. फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इसमें वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नुंडी पीड़ितों के माता-पिता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.