Last Updated: May 29, 2025, 14:02 IST
भोपाल की सड़कों पर दौड़ती ‘मौत की बसें’, टायर निकल रहे, ब्रेक फेल हो रहे… ‘यहां सब भगवान भरोसे!’
भोपाल में लगातार हो रही बस दुर्घटनाएं, जैसे चलती बस से टायर निकलना और ब्रेक फेल होना, परिवहन विभाग की घोर लापरवाही को उजागर कर रहे हैं। राजधानी की सड़कों पर बिना फिटनेस चेक के ‘खटारा बसें’ दौड़ रही हैं, और ऐसा लगता है कि यहां सब ‘भगवान भरोसे’ ही चल रहा है।
हाइलाइट्स
- भोपाल में बस दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- चलती बसों से टायर निकलने और ब्रेक फेल होने की घटनाएं आम हो गई हैं।
- बिना फिटनेस चेक के खटारा बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं, जो परिवहन विभाग की लापरवाही दर्शाती है।
- बाणगंगा चौराहे पर ब्रेक फेल होने से हुई दुर्घटना में एक युवती की मौत हुई थी।
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।
**भोपाल:** मध्य प्रदेश की राजधानी में बीते कुछ दिनों में ऐसे हादसे हुए हैं, जिन्होंने न केवल जनजीवन को झकझोर दिया, बल्कि सरकार की नाक के नीचे चल रही परिवहन व्यवस्था की हकीकत को भी उजागर कर दिया है। कभी चलती बस से टायर निकल जाता है, तो कभी ब्रेक फेल हो जाता है। सवाल ये है कि जब भोपाल जैसे वीआईपी शहर में यह हाल है, तो छोटे जिलों और ग्रामीण इलाकों में क्या हाल होगा?
चलती बस से टायर निकला, 16 छात्र बाल-बाल बचे:
भोपाल-रायसेन रोड पर एक निजी कॉलेज की बस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब चलती बस से अचानक टायर अलग हो गया। गनीमत रही कि बस पलटी नहीं, लेकिन इसमें बैठे 16 छात्र मामूली रूप से घायल हो गए। सवाल ये नहीं कि कोई मरा या बच गया, सवाल ये है कि ऐसी जर्जर बसें कैसे सड़कों पर दौड़ रही हैं?
स्कूल बस में ब्रेक फेल, एक बेटी की मौत:
कुछ दिन पहले बाणगंगा चौराहे पर एक स्कूल बस का ब्रेक फेल हो गया और बस ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े लोगों को कुचलते हुए निकल गई। इस हादसे में एक युवती की जान चली गई, वह युवती जिसकी शादी कुछ ही दिनों में होने वाली थी। यह हादसा सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि परिवहन विभाग की नाकामी की कीमत किसी की जिंदगी से चुकानी पड़ी।
भगवान भरोसे चल रहा है सिस्टम?
एमपी का परिवहन विभाग पहले भी सवालों के घेरे में रहा है, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि राजधानी में भी बिना फिटनेस जांच के बसें दौड़ रही हैं। सूत्रों की मानें तो कई प्राइवेट बस ऑपरेटर पुराने दस्तावेजों और फर्जी फिटनेस रिपोर्ट्स के आधार पर बसों को सड़क पर उतार रहे हैं और जिम्मेदार विभाग सो रहा है।
हादसे के बाद भी नहीं हुआ स्थायी हल:
बाणगंगा हादसे के बाद आरटीओ जितेंद्र शर्मा समेत कई अफसरों पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन कोई स्थायी और मजबूत व्यवस्था नहीं बनाई गई। नतीजा – हादसे दोहराए जा रहे हैं, और आम जनता खतरे में जीने को मजबूर है।
स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश