By AgrasarINdia News Desk
Publish Date: Monday, June 2, 2025 at 12:41:11 PM IST
दहला देने वाली वारदात! इंदौर में 85 साल की बुजुर्ग महिला
को 36 घंटे तक रखा ‘डिजिटल अरेस्ट’, लूटना चाहते थे ₹1 करोड़!
साइबर ठगों ने अब नया ‘खेल’ शुरू कर दिया है! इंदौर में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 36 घंटे तक घर में ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर रखा गया। अपराधी 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने की कोशिश कर रहे थे। जानिए कैसे बची यह बुजुर्ग महिला और क्या है यह ‘डिजिटल अरेस्ट’ का नया खतरा?
मुख्य हाइलाइट्स:
- शिकार: इंदौर की 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला।
- वारदात: महिला को 36 घंटे तक घर में ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ रखा गया।
- ठगी का प्रयास: ठग 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने की कोशिश कर रहे थे।
- मोडस ऑपरेंडी: पुलिस/सरकारी अधिकारी बनकर धमकाया गया।
- साइबर पुलिस का हस्तक्षेप: सही समय पर कार्रवाई से महिला को बचाया गया।
- बढ़ता खतरा: ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम का यह नया और खतरनाक तरीका है।
**इंदौर, मध्य प्रदेश:** साइबर अपराधियों ने अब ठगी का एक नया और खौफनाक तरीका अख्तियार कर लिया है, जिसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है। इंदौर में इस नए तरीके का एक भयावह मामला सामने आया है, जहां 85 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को 36 घंटे तक घर में ही वर्चुअल कैद में रखा गया और उनसे 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने की कोशिश की गई।
**क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?**
‘डिजिटल अरेस्ट’ वह स्थिति है जब साइबर अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई, या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर पीड़ित से संपर्क करते हैं। वे पीड़ित को बताते हैं कि उनके खिलाफ कोई गंभीर मामला दर्ज है (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी, या अन्य अपराध) और उन्हें ‘गिरफ्तार’ कर लिया गया है, लेकिन फिजिकल गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें ऑनलाइन ही किसी गुप्त स्थान पर रहने और किसी से बात न करने का निर्देश देते हैं। इसके बाद वे पीड़ित को धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं।
इस ताजा मामले में, ठगों ने बुजुर्ग महिला को बताया कि उनके खिलाफ एक गंभीर मामला दर्ज है और उन्हें घर में ही रहना होगा, किसी से बात नहीं करनी है, और उनके फोन कॉल और गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इस दौरान, वे लगातार वीडियो कॉल के माध्यम से महिला पर दबाव बनाए हुए थे और उनसे मोटी रकम ट्रांसफर करने की मांग कर रहे थे।
सौभाग्य से, महिला के परिवार के सदस्यों को कुछ संदेह हुआ और उन्होंने तत्काल साइबर पुलिस से संपर्क किया। साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला का पता लगाया और उन्हें ठगों के चंगुल से बचाया। यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि साइबर अपराधी लगातार अपने तरीकों को बदल रहे हैं और आम जनता, खासकर बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी फोन कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें जिसमें कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर पैसे की मांग करे या ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी धमकी दे। हमेशा संबंधित विभाग या पुलिस से सीधे संपर्क कर जानकारी की पुष्टि करें।
स्थान: इंदौर, मध्य प्रदेश