अमेरिका में 87 साल बाद हुआ कुछ ऐसा कि आधी रह जाएगी विकास दर; ट्रंप की नीतियों का असर
नई दिल्ली. Last Updated: June 03, 2025, 16:23 IST
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका की विकास दर इस साल पिछले साल के मुकाबले आधी रहने का अनुमान है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसकी सबसे बड़ी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संरक्षणवादी रवैये और मनमाने फैसलों को माना जा रहा है, जिसका खामियाजा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को चुकाना पड़ेगा।
हाइलाइट्स
- ओईसीडी के अनुसार, अमेरिका की विकास दर इस साल 1.6% रहने का अनुमान है।
- ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी शुल्क दरें 15.4% तक बढ़ीं, जो 87 साल में सर्वाधिक है।
- 2026 तक अमेरिका की विकास दर 1.5% रह जाएगी।
ट्रंप की नीतियों का असर: आधी रह जाएगी अमेरिका की रफ्तार
ओईसीडी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर इस साल घटकर 1.6 फीसदी रह जाएगी, जो पिछले साल 2.8 फीसदी थी। इसकी मुख्य वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनिश्चित व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) के कारण वैश्विक व्यापार का बाधित होना, इसकी लागत बढ़ना और व्यवसायों एवं उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ना बताया जा रहा है। ओईसीडी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार साल 2026 में और सुस्त होकर मात्र 1.5 फीसदी रह जाएगी।
87 साल में सबसे ज्यादा शुल्क
ओईसीडी के अनुसार, ट्रंप की नीतियों ने औसत अमेरिकी शुल्क दरों को बढ़ाकर 15.4 फीसदी कर दिया है, जो साल 1938 के बाद से सबसे अधिक है। इसका मतलब है कि 87 साल बाद अमेरिका में अभी सबसे ज्यादा शुल्क दरें दिख रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आए थे, तब औसत अमेरिकी शुल्क करीब 2.5 फीसदी रहा था। शुल्क में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं और अमेरिकी विनिर्माताओं के लिए भी लागत बढ़ जाती है, क्योंकि अमेरिका में होने वाले आयातित कच्चे माल एवं कलपुर्जों की कीमतें भी इस शुल्क की वजह से बढ़ जाती हैं।
वैश्विक जीडीपी से भी सुस्त रहेगा अमेरिका
ओईसीडी के पूर्वानुमान के अनुसार, इस वर्ष विश्व स्तर पर आर्थिक वृद्धि धीमी होकर केवल 2.9 फीसदी रह जाएगी और साल 2026 तक यह इसी स्तर पर रहेगी। यह पिछले वर्ष की 3.3 फीसदी विकास दर और साल 2023 की 3.4 फीसदी की विकास दर से भी कम है। इसके मुकाबले अमेरिका की विकास दर भी आधी रह जाएगी। पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के सदस्यों में 38 देश शामिल हैं। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करता है तथा समय-समय पर रिपोर्ट एवं विश्लेषण जारी करता है, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाली हलचल के बारे में समय रहते पता लगाया जा सके।
भारत की विकास दर कहीं ज्यादा
अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की विकास दर कहीं ज्यादा रहने वाली है। विश्व बैंक और आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट को देखें तो अगले साल भारत की विकास दर 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में तो भारत की विकास दर 7 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गई थी। एसबीआई रिसर्च ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की विकास दर 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।