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बच्चे के फेफड़ों से 5 दिन से फंसी ‘बोर्ड पिन’ निकली, डॉक्टर्स बोले- ‘अभी भी खतरा बरकरार’

Last Updated: May 28, 2025, 12:05 PM IST

कोलकाता में ‘चमत्कार’! बच्चे के फेफड़ों से 5 दिन से फंसी ‘बोर्ड पिन’ निकली, डॉक्टर्स बोले- ‘अभी भी खतरा बरकरार’

कोलकाता के डॉक्टरों ने 12 साल के एक बच्चे के फेफड़ों से 5 दिन से फंसी एक बोर्ड पिन को सफल ऑपरेशन के बाद निकाल दिया है। पिन के कारण बच्चे का फेफड़ा बंद हो गया था। हालांकि, बच्चा अभी भी खतरे में है और उसे PICU में भर्ती किया गया है।

हाइलाइट्स

  • 12 साल के बच्चे के फेफड़ों में 5 दिन से बोर्ड पिन फंसी थी।
  • बच्चा 4 दिनों से सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत कर रहा था।
  • कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने दो घंटे का सफल ऑपरेशन किया।
  • पिन के कारण बच्चे का बाएं ब्रोंकस पूरी तरह बंद हो गया था।
  • बच्चा अभी भी PICU में भर्ती है और अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं।

कोलकाता: कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल (MCHK) में डॉक्टरों ने एक 12 साल के बच्चे के फेफड़ों से एक बोर्ड पिन को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यह पिन बच्चे के बाएं ब्रोंकस (फेफड़ों के रास्ते) में करीब पांच दिन से फंसी हुई थी, जिससे उसके अंदरूनी हिस्से में जख्म भी हो गया। बच्चे की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उसे PICU में भर्ती किया गया है। अगले 48 घंटे उसके लिए बेहद अहम हैं।

सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत से हुआ शक:

बच्चे के माता-पिता के अनुसार, पिछले चार दिनों से वह सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहा था। पहले उसे उत्तर 24 परगना के स्वरूपनगर के लोकल डॉक्टरों को दिखाया गया, लेकिन दवाओं से कोई राहत नहीं मिली। सोमवार रात को उसे बसीरहाट जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां एक्स-रे में उसके फेफड़ों में एक बाहरी चीज फंसी होने का पता चला।

कोलकाता लाने पर हुआ इलाज:

बसीरहाट से उसे तुरंत कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। मंगलवार तड़के अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने पहले उसकी हालत को स्थिर किया और फिर सीटी स्कैन किया गया। स्कैन में पता चला कि पिन जैसी कोई चीज उसके बाएं ब्रोंकस के गहरे हिस्से में फंसी हुई है।

फेफड़ा हुआ था पूरी तरह बंद:

चूंकि बच्चे के एक फेफड़े में हवा पूरी तरह रुक चुकी थी, इसलिए सीनियर डॉक्टरों और PGTs की एक टीम बनाई गई। इसमें डॉ. दिपांशु मुखर्जी, बिज्ञान अधिकारी, तनया पंजा, शुभ्रजीत नस्कर, देबाशीष घोष और शुक्ला पांडा शामिल थे। ENT के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मुखर्जी ने बताया कि पिन के कारण फेफड़े का एक हिस्सा पूरी तरह बंद हो गया था।

ब्रोंकोस्कोप से निकाली गई पिन:

डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोप और ऑप्टिकल फोर्सेप की मदद से पिन को बाहर निकाला। पिन के साथ प्लास्टिक की पूंछ भी थी, जिससे ऑपरेशन और मुश्किल हो गया। खून के कारण डॉक्टरों को देखने में भी दिक्कत आ रही थी। ऑपरेशन करीब दो घंटे चला। बच्चे के माता-पिता को यह भी नहीं पता था कि उसने पिन निगल ली थी।

अभी भी खतरे से बाहर नहीं है बच्चा:

ऑपरेशन के बाद बच्चे को पीआईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उसकी देखरेख प्रोफेसर डॉ. मिहिर सरकार कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अभी भी खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं है और अगले दो दिन उसके लिए बेहद नाजुक हैं।

Location: कोलकाता, पश्चिम बंगाल

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