'हेरा फेरी 3' में परेश रावल के न होने से सुनील शेट्टी दुखी हैं। उन्होंने कहा, 'हेरा फेरी' उनके, अक्षय और परेश के बिना अधूरी है। दोस्ती में कड़वाहट न आए, ये चिंता सता रही है।
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‘हेरा फेरी 3’ में ‘बाबू भैया’ नहीं होंगे? अक्षय-परेश की ‘भसड़’ पर सुनील शेट्टी ने तोड़ी चुप्पी, सता रही है ये ‘बड़ी’ चिंता!

मुंबई: ‘हेरा फेरी’ वो कल्ट कॉमेडी फिल्म है जिसके किरदारों को लोग 25 साल बाद भी नहीं भूल पाए हैं। इस फिल्म की शानदार टाइमिंग, स्क्रिप्ट और डायलॉग्स आज भी मीम और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते हैं। हालांकि, अब इसके तीसरे सीक्वल की तैयारी के बीच फिल्म ‘बाबू भैया’ यानी परेश रावल को लेकर सुर्खियों में है। दरअसल, परेश रावल ने हाल ही में खुलासा किया है कि वह ‘हेरा फेरी 3’ का हिस्सा नहीं हैं।

जरा सोचिए, क्या आप इस फिल्म को बिना ‘बाबू भैया’ के देख पाएंगे? ‘उठा ले रे बाबा उठा ले’ से ‘ये बाबू राव का स्टाइल है’ जैसे डायलॉग्स अगर नई ‘हेरा फेरी’ में न सुनाई दें, या ‘राजू’ और ‘श्याम’ के बीच की लड़ाई को सुलझाने वाले ‘बाबू भैया’ के बिना फिल्म देखनी पड़े तो सोचना भी मुश्किल है!

सुनील शेट्टी का छलका दर्द:

‘बाबू भैया’ यानी परेश रावल के ‘हेरा फेरी 3’ में न होने की खबर आग की तरह फैली। इसके बाद मेकर्स से लेकर सुनील शेट्टी तक ने इस मामले पर बात की। परेश रावल के फिल्म में न होने से सबसे ज्यादा दुखी सुनील शेट्टी हैं, जिन्होंने हाल ही में अपना दर्द बयां किया।

‘श्याम’ के किरदार में नजर आए सुनील शेट्टी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए ‘हेरा फेरी 3’ विवाद पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “मैं दुखी हूं! सच कहूं तो, हम बहुत लंबे समय से दोस्त हैं। हमारे बीच उतार-चढ़ाव आए हैं, जो जीवन में परिवार के साथ भी होता है।” उन्होंने आगे जोर दिया, “‘हेरा फेरी’ परेश, राजू (अक्षय कुमार) और श्याम (सुनील शेट्टी) के बिना नहीं हो सकती।”

‘मैं नहीं चाहता कि वे अलग हो जाएं’:

दिग्गज एक्टर सुनील शेट्टी ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “भले ही ‘हेरा फेरी’ न हो, मैं नहीं चाहता कि वे दोनों दोस्त एक-दूसरे से कड़वाहट रखें। मैं नहीं चाहता कि वे अलग हो जाएं। हमारी इंडस्ट्री में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। हम हमेशा खुद को साबित करने की लड़ाई में लगे रहते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि वह परेश रावल से बात नहीं कर पाए हैं। उन्होंने परेश रावल को फोन किया, लेकिन उन्होंने बाद में बात करने को कहा।

‘गले का फंदा’ था ‘बाबू भैया’ का किरदार:

परेश रावल ने ‘द लल्लनटॉप’ के साथ एक इंटरव्यू में अपने ‘बाबू भैया’ के किरदार के बारे में बात करते हुए कहा था कि यह ‘गले का फंदा’ है। उन्होंने इच्छा जताई थी कि उन्हें इससे मुक्ति चाहिए। उन्होंने कहा था, “एक खुशी तो होती है यार, पर ये फिर बहुत बांधने वाली चीज है। इससे मुक्ति चाहिए, आजादी चाहिए।”

सीक्वल पर परेश रावल के विचार:

सीक्वल की फॉर्मूला पर बात करते हुए परेश रावल ने कहा था कि जब आप सीक्वल पर सीक्वल करते हैं, तो वही कुक-अप करते हैं। उन्होंने ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अलग दिशा में जाते हो, अलग बैकड्रॉप को लेकर चलते हो। उन्होंने यह भी कहा था कि “कुछ तो करो उसके साथ। इतना बड़ा गुडविल है आप उसको लेकर उड़ो। दूसरी उड़ान भरो आप। वह किसी को करना नहीं है।”

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