नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का 36 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेना क्रिकेट जगत में एक बड़ा विवाद बन गया है। विराट के कई फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया है, ताकि युवा खिलाड़ियों को टीम में मौका मिल सके। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि रोहित शर्मा ने भी इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
वहीं, दूसरी तरफ इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन 42 साल की उम्र में भी अपनी गेंदबाजी से कहर बरपा रहे हैं। उन्होंने पिछले साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिसके बाद उनके 704 टेस्ट विकेटों का शानदार करियर थम गया था। हालांकि, एंडरसन का संन्यास भी विवादों से घिरा रहा, क्योंकि कई लोगों का मानना था कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें शेन वॉर्न के 708 विकेटों के रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका नहीं दिया और उन्हें संन्यास लेने के लिए कहा गया।
लेकिन क्रिकेट के प्रति एंडरसन का जुनून अभी भी बरकरार है। संन्यास लेने के लगभग 10 महीने बाद, 42 वर्षीय यह दिग्गज गेंदबाज फिर से मैदान पर लौट आया है और अपनी गेंदबाजी से सबको चौंका रहा है। लंकाशायर और डर्बीशर के बीच मैनचेस्टर में खेले जा रहे काउंटी चैंपियनशिप मैच में एंडरसन ने रविवार को डर्बीशर के दोनों सलामी बल्लेबाजों को आउट कर यह साबित कर दिया कि उनकी धार अभी भी कम नहीं हुई है।
इस मुकाबले में लंकाशायर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 458 रन बनाए। जवाब में उतरी डर्बीशर की टीम 205 रन पर 6 विकेट खो चुकी है। एंडरसन और जॉर्ज बाल्डरसन ने डर्बीशर को दो-दो झटके दिए। एंडरसन ने अपनी शानदार स्विंग गेंदबाजी से डर्बीशर के सलामी बल्लेबाज डेविड लॉयड और सेलेब ज्वेल को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
विराट कोहली, जिन्होंने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी, ने इसके पीछे कोई खास वजह नहीं बताई थी। लेकिन उनके फैंस और कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि उन पर संन्यास का दबाव बनाया गया था। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ जैसे खिलाड़ियों ने भी सवाल उठाया है कि अगर विराट को संन्यास ही लेना था तो उन्होंने रणजी ट्रॉफी मैच में क्यों हिस्सा लिया था।
एक तरफ 36 साल के विराट कोहली का संन्यास विवादों में है, वहीं 42 साल के जेम्स एंडरसन का काउंटी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन यह सवाल खड़ा करता है कि क्या उम्र वास्तव में क्रिकेट में संन्यास का पैमाना होनी चाहिए? फैंस अब इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या भारतीय क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों को मौका देने के नाम पर अनुभवी खिलाड़ियों को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।