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आसमान की बेटी ने सुनाई पाक की बर्बादी की कहानी! विंग कमांडर व्योमिका सिंह का प्रेरणादायक सफर!

Indian Army Officer, Vyomika Singh, India Pak Tension, Operation Sindoor: विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कक्षा 6 में ही एयरफोर्स में जाने का निर्णय लिया था. UPSC के…और पढ़ें

एयरफोर्स में कैसे विंग कमांडर बनीं व्‍योमिका सिंह, क्‍लास 6 में क्‍या हुआ था?India airstrike on Pakistan, Indian Army Officer, Vyomika Singh story: बचपन से एयरफोर्स में जाना चाहती थीं व्‍योमिका सिंह.

पाकिस्तान पर भारत की हालिया एयर स्ट्राइक

नई दिल्ली: पाकिस्तान पर भारत की हालिया एयर स्ट्राइक, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है, ने न केवल दुश्मन के आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि इस ऑपरेशन की जानकारी मीडिया को देने वाली दो जांबाज महिला अधिकारियों की बहादुरी की कहानी भी सामने लाई है। इनमें से एक थीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन की हर जानकारी साझा की, जिसके बाद उनकी प्रेरणादायक यात्रा हर तरफ चर्चा का विषय बन गई है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह

विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह महज छठी कक्षा में थीं, तभी उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। इसके पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है। उन्होंने बताया कि एक बार कक्षा में अपने नाम को लेकर बहस हो रही थी, और जब उन्होंने अपने नाम ‘व्योमिका’ का अर्थ ‘आकाश में निवास करने वाली’ बताया, तो उसी पल उन्होंने ठान लिया कि अब आसमान ही उनका ठिकाना होगा।

अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, व्योमिका के सामने चुनौतियां थीं, क्योंकि उस समय बहुत कम लड़कियां ही वायुसेना में शामिल होती थीं। लेकिन अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास की और भारतीय वायुसेना में गर्व से एंट्री ली। इसके बाद उन्होंने हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में अपनी उड़ान भरी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह को 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन किया गया था। आज उन्हें वायुसेना के सबसे बेहतरीन विंग कमांडरों में से एक माना जाता है। उनके पास लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का व्यापक अनुभव है और उन्हें चीता और चेतक जैसे मुश्किल हेलीकॉप्टरों को उड़ाने में महारत हासिल है। 18 दिसंबर 2017 को उन्होंने विंग कमांडर का प्रतिष्ठित पद हासिल किया, यानी वायुसेना में शामिल होने के महज 13 साल बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास 2500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने 2021 में माउंट मणिरंग की चढ़ाई करने वाली वायुसेना की महिला विंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। और अब, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद, हर तरफ विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साहस और जज्बे की चर्चा हो रही है।

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