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YouTuber ज्योति मल्होत्रा ने रिमांड रूम में उगले चौंकाने वाले राज! पाकिस्तान कनेक्शन और ‘लाइक-सब्सक्राइब’ का चक्कर, पढ़ें पूरा कबूलनामा!

हिसार: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने रिमांड रूम में जांच एजेंसियों के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शुरुआती ‘फिल्मी कहानियों’ के बाद, ज्योति ने आखिरकार कबूल कर लिया है कि अपने यूट्यूब चैनल के लाइक और सब्सक्राइब बढ़ाने के चक्कर में वह पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) के जाल में फंस गई थी। 7 दिनों की रिमांड के बाद अब उसकी पूरी कहानी सामने आ रही है।

‘फिल्मी कहानी’ से ‘जीवन की सच्चाई’ तक:

जब हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को हिरासत में लिया, तो उसे लगा कि यह सब एक गलतफहमी है और वह जल्द छूट जाएगी। उसने फिल्मी अंदाज में जांच अधिकारियों को पाकिस्तान की कई कहानियां भी सुनाईं। लेकिन जैसे-जैसे जांच सख्त होती गई, ज्योति गुमसुम होती चली गई और उसे एहसास हुआ कि जिसे वह फिल्मी कहानी समझ रही थी, वह असल में उसके जीवन की कड़वी सच्चाई है। जिन वीडियो को वह मामूली समझ रही थी, वे असल में पाकिस्तान के जासूसों का बिछाया हुआ जाल थे।

लाइक-सब्सक्राइब के चक्कर में फंसी जासूसी के जाल में:

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अब तक की पूछताछ में ज्योति ने यही बताया है कि अपने यूट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब बढ़ाने के चक्कर में वह पाकिस्तान दूतावास के अंडरकवर जासूसों के जाल में फंस गई। उसने कबूल किया है कि पाकिस्तान से उसे ‘स्पॉन्सर्ड यात्राएं’ मिलने लगी थीं, जो उसे पैसा कमाने का एक आसान तरीका लगता था।

पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से संपर्क और यात्राएं:

ज्योति ने यह भी माना है कि वह पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी दानिश के संपर्क में थी और दानिश का मोबाइल नंबर भी उसके पास था। दानिश के कहने पर ही उसने पाकिस्तान की यात्रा की थी और वहां वह अन्य पाकिस्तानी अधिकारियों अली हसन शाकिर आदि के संपर्क में आई थी। उसने अपने कबूलनामे में बताया है कि उसका ‘ट्रैवल विद-जो’ नाम से यूट्यूब चैनल है और उसका पासपोर्ट नंबर 56098262 है।

पहलगाम हमले से पहले कश्मीर और पाकिस्तान में थी ज्योति:

ज्योति ने बताया कि साल 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लगवाने के संबंध में वह पाकिस्तान हाई कमीशन दिल्ली गई थी, जहां उसकी मुलाकात अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई थी। उसने दानिश का मोबाइल नंबर ले लिया था और फिर उससे बातें करने लगी थी।

इसके बाद उसने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की, जहां दानिश के कहने पर वह अली हसन से मिली थी। अली हसन ने उसके रुकने और घूमने-फिरने का इंतजाम किया था। अली हसन के साथ वह शाकिर और राणा शहबाज से भी मिली थी। उसने शाकिर का मोबाइल नंबर भी लिया था और उसे “जट रधाँवा” के नाम से सेव कर लिया ताकि किसी को शक न हो। उसने यह भी कबूल किया है कि पहलगाम हमले से पहले वह कश्मीर और पाकिस्तान गई थी।

सोशल मीडिया पर भी सक्रिय थी ज्योति:

जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति मल्होत्रा व्हाट्सऐप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इन सभी पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रही और सूचनाओं का आदान-प्रदान करती रही। पुलिस ने उसके बैंक खातों की जांच के लिए कुछ बैंकों से भी संपर्क किया है, ताकि उसके वित्तीय लेनदेन की जानकारी जुटाई जा सके।

यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया की लोकप्रियता की चाहत किस तरह युवाओं को अनजाने में ही खतरनाक जाल में फंसा सकती है। जांच एजेंसियां अब इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

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