भोपाल। जिले में अब तक खरीदी केन्द्रों पर 237 किसानों का 15033 क्विंटल से अधिक गेहूँ खरीदा गया है । कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े ने बताया है कि एसएमएस नहीं मिलने से किसान चिंतित नहीं हों, संबंधित केन्द्रों पर पंजीयन के आधार पर भी गेहूँ खरीदी होगी । केवल होगा यह कि पहले एसएमएस वाले किसानों का और इसके बाद पंजीयन के आधार पर खरीदी हो जाएगी । उन्होंने बताया कि सभी नोडल अधिकारियों और खरीदी केन्द्रों को तत्संबंधी आदेश दे दिए गए हैं
डॉ. खाड़े ने बताया कि जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 32468 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। किसानों से गेहूं उपार्जन करने हेतु जिले में 36 उपार्जन समितियों के कुल 55 गेहूं उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। समिति स्तर पर एक समिति पर अधिकतम 03 उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। शासन नीति अनुसार यदि एक उपार्जन केन्द्र पर 750 से अधिक किसान तथा 7500 मीट्रिक टन. से अधिक उपार्जन का अनुमान है तो इन केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार अतिरिक्त केन्द्र बनाये गये हैं जिससे किसान सुविधाजनक तरीके से उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं की तौल करा सके। उन्होंने बताया कि जिले में न्यूनतम 200 किसानों पर एक उपार्जन केन्द्र स्थापित किया गया है। आज 28 मार्च तक 2837 किसानों को एमएसए किये गये हैं । 29 मार्च तक किसान जिनको एसएमएस नहीं पहुंचे हैं बिना एसएमएस के भी पंजीयन के आधार पर किसानों से गेहूं उपार्जन का कार्य किया जा रहा है। यदि उपार्जन केन्द्र पर एसएमएस प्राप्त किसान आता है तो उसे प्राथमिकता दी जायेगी तत्पश्चात बिना एसएमएस किसानों का गेहूँ खरीदा जाएगा।
समितियों के उपार्जन केन्द्रों, स्टील सायलो, सायलो बेग, गोदामों पर स्थापित उपार्जन केन्द्रों से समीपस्थ ग्रामों के किसानों को संलग्न किया गया है। सभी उपार्जन केन्द्रों पर छन्ना, पंखा, स्टेनसिल, धागा, कम्प्यूटर, हार्डवेयर के साथ-साथ छाया , पानी शौचालय, फस्ट एड बॉक्स एवं तिरपाल आदि की व्यवस्था की गई है।
अब तक 20 उपार्जन केन्द्रों पर 237 किसानों से कल 15033 क्विंटल गेहूं का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया है। किसानों को टोकन पर्ची एवं रसीद भी जारी की जा रही है। रबी विपणन वर्ष 2019-20 हेतु जिले में 2 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का अनुमान है । उपार्जित गेहूं के भंडारण/परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है। किसानों के द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के दौरान 24 घंटे के अंदर टोकन पर्ची की वैधता के कारण समय पर तोल होने और पावती रसीद तथा भुगतान की व्यवस्था शीघ्र होने की व्यवस्था से किसानों द्वारा संतुष्टि व्यक्त की गई है ।