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इजराइल में पहली बार बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से नेतन्याहू सरकार गिरेगी,संसद भंग करने का प्रस्ताव पास हुआ। 17 सितम्बर को फिर से होंगे आम चुनाव।

इजराइल में इस साल मार्च में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। इसके बावजूद पिछले छह हफ्तों में वे दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने में नाकाम रहे। बुधवार को सांसदों ने सरकार बनने में देरी के चलते संसद भंग करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके चलते 17 सितंबर को एक बार फिर इजराइल में आम चुुनाव होंगे।

इजराइल के इतिहास में यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया कोई नेता गठबंधन बनाने में नाकाम रहा है। नेतन्याहू चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ समझौते की कोशिशों में जुटे थे। हालांकि, बात नहीं बनने के बाद संसद को भंग करने का प्रस्ताव रखा गया। मौजूदा 120 में से 119 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। इनमें 74 ने संसद भंग करने और 45 ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।

बेंजामिन नेतन्याहू लगातार पांचवी बार चुनाव जीतकर सबसे लंबे तक इजराइल के प्रधानमंत्री बनने की ओर हैं। चुनाव होने तक वे ही देश की कमान संभालेंगे। माना जा रहा है कि अगला चुनाव भी अप्रैल में मतदान के दौरान उठे मुद्दों पर ही लड़ा जाएगा। खास बात यह है कि इजराइल की 120 सीटों वाली संसद में आज तक किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। यानी सभी सरकारें अब तक गठबंधन की रही हैं

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