भोपाल :वेस्ट मैनेजमेंट देश ही नहीं दुनिया भर की एक बड़ी समस्या के रूप में सवार है। इससे होने वाले नुकसान को जरूरत पूरी करने और फायदे के रूप में कैसे बदला जा सकता है, इसके लिए एक विस्तृत अध्ययन और सतत पढाई की जरूरत है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) इस विषय को लेकर डिग्री, डिप्लोमा और शार्ट टर्म कोर्सेस शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। जेएनयू में नवनियुक्त हुए कोर्ट ऑफ मेम्बर सैयद इम्तियाज अली ने विश्वविद्यालय को इस बारे में प्रस्ताव दिया है। अली लम्बे समय से वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काम कर रहे हैं और उनके किए गए प्रयोगों को देश-विदेश में अपनाया गया है। उनके द्वारा खराब और वेस्ट प्लास्टिक/पॉलीथिन से सड़क तैयार करने की योजना अब पूरे देश में अपनाई जा रही है। मूलतः भोपाल के निवासी इम्तियाज अपने प्रयोग और उपलब्धियों के लिए अब तक कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। राष्ट्रपति की अनुशंसा पर जेएनयू प्रबंधन ने उन्हें तीन साल के लिए कोर्ट ऑफ मेम्बर नियुक्त किया है। इस समयावधि में जेएनयू की जरूरी बैठकों में शामिल होकर इसकी बेहतरी के लिए सुझाव देने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इम्तियाज ने अपनी इस नियुक्ति को मप्र का गौरव और सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान जेएनयू से लापता छात्र नजीब की गुमशुदगी के कारण और उसको तलाशने की कवायद पर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वे अपने वेस्ट मैनेजमेंट के अनुभव को जेएनयू से एक अध्ययनमाला बनाकर इससे होने वाले फायदों के लिए भी काम करेंगे।
