मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को हुई छापामारी को लेकर आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है।दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने पहले चंद्रबाबू नायडू को परेशान किया, बाद में कुमार स्वामी को परेशान किया और अब मप्र सरकार को परेशान कर रही है। उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा कि रैलियों में जो करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, क्या जेब से लगाते हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि दम हो तो मामा-मामी और अमित शाह के यहां छापा मारकर बताएं। ओंकारेश्वर-सिंगाजी में धार्मिक यात्रा पर आए पूर्व मुख्यमंत्री ने राजनीतिक मायने भी पूरे कर दिए। लोकसभा प्रत्याशी अरुण यादव से खफा नेताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया।
ओंकारेश्वर में मीडिया से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि मैं एक धार्मिक व्यक्ति हूं लेकिन मैंने धर्म की राजनीति कभी नहीं की। आगे भी कभी नहीं करूंगा। भगवान ओंकारेश्वर और मां नर्मदा में मेरी आस्था है, इसलिए धार्मिक यात्रा पर मैं यहां आया हूं। मां नर्मदा की 33 सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी होने के बाद ओंकार पर्वत की परिक्रमा शेष रह गई थी। इसके बगैर नर्मदा की परिक्रमा पूरी नहीं मानी जाती है। आज मेरी नर्मदाजी की परिक्रमा और धार्मिक यात्रा पूरी हो चुकी है।
ताई का राजनीतिक जीवन मोदीजी ने समाप्त किया
भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुमित्रा महाजन को पार्टी ने इंदौर से टिकट नहीं दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि ताई का राजनीतिक जीवन मोदी जी ने समाप्त कर दिया है। सुमित्रा महाजन का मैं सम्मान करता हूं, मेरी उनकी प्रति सहानुभूति है। भाजपा को उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्होंने भाजपा को जिंदा रखने के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिए बगैर दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोग हवाई जहाज से तो कई लोग गाड़ियों से नर्मदा परिक्रमा करते हैं। मां नर्मदा की परिक्रमा तो पैदल ही की जाती है। तभी उसका पुण्य प्रताप मिलता है। भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ने और 16 साल बाद प्रदेश की सक्रिय राजनीति में वापसी पर पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि भोपाल एक -गंगा जमुना संस्कृति का शहर है। भाजपा की सरकार ने यहां पर 15 वर्षों में न मास्टर प्लान लगाया है और न ही पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था की है। मेरे दिमाग में भोपाल के विकास को लेकर पूरा प्लान है। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने के बाद उसका खुलासा करूंगा।
नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन के मामले में उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा के शासनकाल में भी इस मामले को उठाया था। नर्मदा परिक्रमा के दौरान बड़ी संख्या में नर्मदा से अवैध खनन मशीनों के द्वारा होता देखा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी कहा है कि नर्मदा नदी में मशीनों का उपयोग नहीं होना चाहिए। रेत निकालना है तो पंचायतों के माध्यम से मजदूरों से निकलवाई जाए।