नरेंद्र मोदी ने आज ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, पीडीपी नेता महबूूबा मुफ्ती, वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी, लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी ने हिस्सा लिया।
उधर, कांग्रेस, सपा, शिवसेना, बसपा, द्रमुक, तेदेपा और तृणमूल का कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी और डी राजा मोदी की बुलाई इस बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया।
कई बड़े नेताओं ने बैठक में शामिल होने से मन किया।
बैठक से किनारा करते हुए मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा ”
बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती”
साथ ही सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बैठक को बेबुनियाद बताते हुए कहा की इस मुद्दे के लिए कोई भी तैयार नहीं होगा मोदी जी को देश से जो वादे किये है उन्हें पूरा करने की और ध्यान केंद्रित करना चाहिए वही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो टूक कहा की बैठक से पहले मोदी जी को सभी बड़े नेताओं से सुझाव मंगवाने चाहिए अगर वह ऐसा करते हैं तो सभी नेता अपने विचार व्यक्त कर सकेंगे।