भोपाल। मोहर, ठप्पे और मैनुअल पध्दति से चुनाव प्रक्रिया को बदलकर आधुनिक तकनीक से शुरू हुए ईवीएम मतदान को हमेशा कटघरे में खड़ा रखा गया है। मशीनों से छेड़छाड़ करने के माहिर लोगों ने चुनाव परिणाम अपने पक्ष में करने की महारत भी हासिल कर ली है। तमाम शिकायतों और उसके आधार पर हुई जांच ने इस बात को तो मानने पर मजबूर कर दिया है कि गड़बड़ मशीन में नहीं हो सकती लेकिन सियासी लोगों की बदनीयती और बेईमानी व्यवस्था को बदनाम कर रही है। कांग्रेस ने इस बात को सतर्क रहकर बेईमानी रोकने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिये हैं। अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए पार्टी ने न सिर्फ एक अलग विभाग की स्थापना कर ली है बल्कि लगातार शिविर आयोजित कर बेईमानी के हालात रोकने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे मिले बेहतर परिणाम को भी इसी कोशिश का नतीजा बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने वर्ष 2013 में प्रशिक्षण विभाग की स्थापना की थी। तत्कालीन प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर तत्कालीन पीसीसी चीफ अरुण यादव की सहमति से इसे प्रदेश भर में लागू करवाया।
विधानसभा चुनाव में हुए सैकड़ो शिविर
प्रशिक्षण विभाग के एक्सपर्ट मिर्जा नूर बेग बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर शिविर आयोजित किए गए थे। इन शिविरों का असर ये रहा कि चुनाव में गड़बड़ियों के हालात पर बहुत हद तक अंकुश लगा और कांग्रेस को बेहतर परिणाम मिले।
अब लोकसभा के लिए तैयारी
प्रदेश कांग्रेस प्रशिक्षण विभाग आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी में जुट गया है। इसके चलते मशीनी गड़बड़ियों को रोकने के लिए उसने प्रशिक्षण शिविर लगाना शुरू कर दिए हैं। चुनाव के शुरुआती दौर में ही अब तक खण्डवा, जबलपुर, होशंगाबाद समेत कई संसदीय क्षेत्रों में इस तरह के शिविर लगाए जा चुके हैं।
क्या हो रहा शिविर में
मिर्जा नूर बेग सभी लोकसभा क्षेत्रों में जाकर बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस दौरान वे ईवीएम मशीन को चेक करने, मतदान के दौरान अपनाई जाने वाली सतर्कता, मतदान के बाद मशीनों को जमा करवाने तक के व्यवहार, मतदान अधिकारियों, मतदाताओं, विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं से बात करने के तरीके आदि पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। इन शिविरों में प्रोजेक्टर के माध्यम से भी जानकारी दी जा रही है।