मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के जनसंपर्क और चुनाव प्रचार की कमान भाजपा संगठन ने अपने हाथ में ले ली है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल सीट की जिम्मेदारी ली और पदाधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंप दिए हैं. वर्तमान सांसद आलोक संजर को प्रज्ञा के जनसंपर्क का दायित्य सौंपा गया है.
भाजपा कार्यालय में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में प्रदेश भाजपा के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और खुद प्रज्ञा भारती भी उपस्थित रही.
बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार अभियान को गति देने की बात कही. साथ ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में पदाधिकारियों और वर्तमान विधायकों को सक्रिय होकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में काम करने को कहा. चर्चा के दौरान तय हुआ की साध्वी प्रज्ञा के चुनाव की कमान खुद शिवराज सिंह चौहान संभालेंगे.
शिवराज ने कहा सब को करना होगा काम
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में सभी विधायकों, पदाधिकारियों को साफ कह दिया कि चुनाव में प्रज्ञा सिंह के पक्ष में सभी को मैदान में उतरना होगा. मैदान में उतरकर सभी को काम करना है और भाजपा की जीत के लिए काम करना है. वहीं भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा भारती ने कहा कि अब सभी को काम में जुटना होगा, बाकी बातें बाद में होंगी. अब केवल भाजपा की जीत के लिए हमें मैदान में उतरना है.
मंत्रोच्चार के साथ भरा नामांकन
भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह भारती ने मुहुर्त के अनुसार सोमवार को ही अपना नामांकन फार्म भर दिया. प्रज्ञा ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पंडितों के साथ मंत्रोचार के बीच अपना नामांकन भरा है. मगर वे कल 23 तारीख को रैली के रूप में जाकर अपना नामांकन विधिवत रूप से भरेंगी. भाजपा आज एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करना चाह रही है.
नाराज नेताओं से कहा शाह ने दिया है टिकट
प्रज्ञा को टिकट दिए जाने को लेकर स्थानीय नेताओं में नाराजगी थी, उसे दूर करना संगठन को मुश्किल हो रहा था. बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने सभी को यह संदेश दिया कि अब नाराजगी छोड़कर हमें जीत के लिए काम करना है. प्रज्ञा सिंह को अमित शाह ने उम्मीदवार बनाया है, यह फैसला उनका है.
संघ ने कहा मतदान ज्यादा होना चाहिए
भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञासिंह ठाकुर के पक्ष में संघ भी सक्रिय हो गया है. लगातार बैठकों का दौर जारी है. संघ की बैठक भाजपा संगठन से अलग हो रही है, मगर संघ पदाधिकारियों की नजर भाजपा पदाधिकारियों पर पूरी तरह से है. संगठन किस तरह से काम कर रहा है, यह संघ के पदाधिकारी देख रहे हैं. संघ की बैठक में संघ ने अपने स्वयं सेवकों, अनुषांगिक संगठनों और पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि यह संघ का टिकट है, इस हिसाब से अधिक से अधिक मतदान हो, इस पर ध्यान रखना होगा, इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए.