भोपाल। बड़ी झील का मौजूदा जल स्तर बीते आठ साल में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में अप्रैल से ही जल संकट के हालात बन सकते हैं। खासकर उन इलाकों में जहां बड़ी झील से सप्लाई होती है। मंगलवार को बड़ी झील का जल स्तर 1655.60 फीट दर्ज हुआ, जो डेड लेवल 1653 फीट से महज 2.6 फीट ज्यादा है। यानी झील में सप्लाई के लिए महज 2.6 फीट पानी ही बचा है। बड़ी झील का जलस्तर लगातार दूसरे साल दिसंबर 2018 में ही सिमटने लगा था। वर्तमान में बैरागढ़ छोर की ओर पानी इतना उतर गया है कि तालाब का पेट भरने वाली कोलांस नदी की धार अलग ही दिखाई देने लगी है
शहर की करीब आठ लाख आबादी पेयजल के लिए बड़ी झील पर निर्भर है। लेकिन इस बार हालात पिछले साल से ज्यादा चिंताजनक हैं। निगम के जलकार्य से जुड़े अधिकारियों की मानें तो झील से रोजाना 30 एमजीडी की जगह 15 एमजीडी पानी लिया जा रहा है। लेकिन जिस तेजी से पानी कम हो रहा है, उससे अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत तक झील का वाटर लेवल डेड स्टोरेज तक पहुंच जाएगा। इसके बाद पानी लेना मुश्किल होगा।
कहां से होगी 30 एमजीडी पानी की भरपाई
बड़ी झील से नगर निगम रोजाना 30 एमजीडी पानी लेता है। इसमें से 20.50 एमजीडी पानी सप्लाई होता है, जबकि भेल को 6 एमजीडी, ईएमई सेंटर बैरागढ़ को 2, रेलवे को एक एमजीडी और लॉ एकेडमी को 0.50 एमजीडी पानी दिया जाता है। झील से सप्लाई ब्रेक होने पर निगम भरपाई कैसे करेगा यह बड़ा सवाल है। उसकी दलील है कि कोलार व नर्मदा की सप्लाई बढ़ाएंगे। निजी ट्यूब वेलों का अधिग्रहण कर टैंकरों से सप्लाई कराई जाएगी।