इस साल 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद का हाथ था और उसके सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी बनाने को लेकर एक बार फिर से चीन ने अपना हाथ पीछे ले लिया और चौथी बार जब चीन की पावर के कारण मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं हो सका है.
जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान का एक चरमपंथी समूह है जो मसूद अजहर इसके प्रमुख हैं और भारत लगातार यह कोशिश कर रहा है किस के प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जाए लेकिन एक बार फिर चौथी बार हुआ है कि जब चीन की वीडियो पावर की वजह से मसूद अजहर ग्लोबल आतंकवादी नहीं बन सका है.
वहीं इन सभी के बाद ही सवाल सामने होता है कि आखिर वह क्या कारण है कि जिसकी वजह से मसूद अजहर को चीन वैश्विक आतंकवादी नहीं बनने देता है इस सवाल का जवाब देते हुए विवेक काटजू कहते हैं कि चीन पाकिस्तानी फौज को मसूद अजहर के मामले में शहर देता है मसूद अजहर पाकिस्तानी फौज का एक वर्चुअल हिस्सा है मसूद अजर जैश ए मोहम्मद लश्कर-ए-तैयबा हाफिज सईद पाकिस्तान की विदेश नीति और सामरिक नीति में आगे बढ़ाने में मदद करते हैं.
इसके अलावा पूर्व राजनयिक विवेक का कार्ड जो कहते हैं कि उन्हें लगता है कि पाकिस्तानी सेना ने चीन से विनती की है कि आप मसूद अजर को यूनियन के तहत चरमपंथी घोषित न होने तो जबकि जैश ए मोहम्मद चरमपंथी संगठन घोषित हो चुका है.