भोपाल (स्टेट ब्यूरो)। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के सहायक वीएस तोमर को सलाहकार नियुक्त करने को लेकर विभाग में खींचतान चल रही है। दरअसल, विभाग में सलाहकार का पद ही नहीं है, इसलिए अधिकारी नियुक्ति से बच रहे हैं, जबकि मंत्री ने नियुक्ति के लिए बाकायदा नोटशीट लिख दी है। इसमें तोमर को सलाहकार नियुक्त कर पदस्थ करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि तोमर बगैर नियुक्ति के दो माह से न सिर्फ मंत्री का ऑफिस संभाल रहे हैं, बल्कि विभाग के वरिष्ठ अफसरों को मंत्री ने निज सहायक के रूप में पत्र भी भेज रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि विभाग में सलाहकार नाम से कोई पद नहीं है, इसलिए लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य शिक्षा केंद्र, राज्य ओपन स्कूल सहित अन्य कार्यालय प्रमुख इस नियुक्ति से कतरा रहे हैं, लेकिन तोमर को इसी पद पर रखने के लिए मंत्री अड़े हुए हैं। पहले लोक शिक्षण संचालनालय को नियुक्ति करने कहा गया था। कुछ दिन की मशक्कत के बाद संचालनालय के अफसरों ने यह गेंद राज्य शिक्षा केंद्र के पाले में फेंक दी।
ज्ञात हो कि राज्य शिक्षा केंद्र का 90 फीसदी स्टाफ संविदा पर है, इसलिए वहां नियुक्ति आसान बताई जा रही है। अब राज्य शिक्षा केंद्र के अफसर एक माह से नियुक्ति के लिए वाजिब कारण तलाश रहे हैं। तोमर ने डॉ. चौधरी के साथ करीब 30 साल पहले काम किया है। तब डॉ. चौधरी संसदीय सचिव थे। तब से उनका एक-दूसरे पर विश्वास बना हुआ है। तोमर मंत्रालयीन सेवा के कर्मचारी हैं और करीब 6 साल पहले रिटायर हुए हैं।