लगातार अपने बयानों से विवादों में घिरी भोपाल से भाजपा की टिकट पर लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि एक संन्यासी का कांग्रेस ने जमकर अत्याचार किया है. शिवराज प्रज्ञा सिंह द्वारा मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के संबंध में दिये बयान का भी बचाव करते नजर आए.
भोपाल में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, भारत की एक ऐसी बेटी जो संन्यासी है, जिन्होंने एक मकसद के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है, उन्हें बिना किसी अपराध के, कानून का दुरुपयोग करके आप जेलों में रखते हैं.
अत्याचार और अन्याय उनके ऊपर होता है. कांग्रेस ने, यूपीए की सरकार ने हिंदुत्व को बदनाम करने की भरपूर कोशिश की. साजिश रची, और वो साजिश बेनकाब हो गई. अब साध्वी के चुनाव लडऩे पर ही आपत्ति कैसे प्रकट कर सकते हैं.
मैं कार्यकर्ताओं को संघर्ष के लिए अकेला छोड़कर दिल्ली नहीं जा सकता
भोपाल से चुनाव न लडऩे के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, जब मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं है, वैसी स्थिति में मैं कार्यकर्ताओं को संघर्ष के लिए अकेले छोड़कर नहीं जा सकता है. जब तक सरकार थी तब तक मैं ठाट से मुख्यमंत्री बना रहा, लेकिन अब सरकार नहीं है तो कार्यकर्ताओं को छोड़कर दिल्ली नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, मेरी अंतरआत्मा कहती है कि मुझे राज्य के लिए काम करना चाहिए. मैं लोकसभा चुनाव लड़कर दिल्ली नहीं जाना चाहता हूं. मैं इमोशनली राज्य की जनता से जुड़ा हुआ हूं. मैं यहीं रहूंगा, संघर्ष करूंगा, कांग्रेस सरकार की छाती पर मूंग दलूंगा. जो वादे किए हैं उसे पूरे कराने के लिए लड़ाई लड़ूंगा.
इस चुनाव से बदलने जा रहा प्रदेश का ट्रेंड
इस सवाल पर कि राज्य विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी को जीत हासिल होती है, वही पार्टी लोकसभा चुनावों में भी सफलता कायम करती है, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश की संसदीय राजनीति में आम तौर पर यही ट्रेंड रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश यह ट्रेंड बदलने जा रहा है. इस सरकार (कांग्रेस) का रंग उतर चुका है और इसका असली रंग सामने आ गया है. साढ़े तीन महीने में कांग्रेस का चेहरा साफ हो गया है. कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं किया गया. किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए. कांग्रेस अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है. कर्ज माफ नहीं हुआ. बेरोजगारी खत्म नहीं हुई. तो लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी जीत हासिल करने जा रही है.