भारत द्वारा पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकने का निर्णय लिए जाने पर अब अक शीर्ष पाक अधिकारी ने कहा है कि भारत सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान में पानी आने से नहीं रोक सकता। पाक अधिकारी ने कहा कि अगर भारत रावी, सतलुज और ब्यास नदियों का पानी रोकता है तो पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का रुख करेगा। सिंधु जल के लिए स्थायी आयोग के अधिकारी ने आरोप लगाया कि भारत जल आक्रमण करने में लगा हुआ है। पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में कहा था कि भारत ने अपने हिस्से के जल को पाकिस्तान में जाने से रोकने का निर्णय किया है।
पाकिस्तान ने उनके बयान पर कहा कि अपने हिस्से का जल रोकने की भारत की योजना से उसे कोई समस्या नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया कि जल एवं विद्युत मंत्रालय पाकिस्तान में पानी बहने से रोकने के भारत के कदम की समीक्षा कर रहा है।
सिंधु जल समझौता के मुताबिक भारत पाकिस्तान में जल बहने से नहीं रोक सकता है और अगर वे ऐसा करते हैं तो हम अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का रूख करेंगे। अधिकारी ने कहा कि जल की दिशा मोड़ने में भारत को कई वर्ष लगेंगे। सिंधु जल समझौता 1960 के मुताबिक सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को दिया गया जबकि रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को दिया गया।